Maha Shivaratri 2019: महाशिवरात्रि का पर्व दस्तक देने वाला है. ऐसे में भक्तों में एक अलग ही उत्साह देखने को मिल रहा है. महाशिवरात्रि के दिन पूजा अर्चना करने से भक्तों के सभी कष्टों का निवारण होता है और बाबा भोलेनाथ का आर्शीवाद सदैव उन पर बना रहता है. सदियों से इसी परंपरा के तहत शिव भक्त महाशिवरात्रि के पर्व पर व्रत रखते हैं और सुबह-सुबह मंदिर जाकर पूजा अर्चना करते हैं. हर महाशिवरात्रि पर भक्तों का हुजूम विभिन्न मंदिरों की तरफ जाता है और भोलेनाथ के दर्शन करता है. आज आपको बताते हैं दिल्ली- एनसीआर के कुछ खास शिव मंदिरों के बारे में जहां पूजा अर्चना करने से आप पर विशिष्ट कृपा बरसेगी.
1. श्री दूधेश्वरनाथ महादेव मंदिर-
गाजियाबाद का श्री दूधेश्वरनाथ महादेव मंदिर प्राचीन मंदिरों में से एक है. ऐसा कहा जाता है कि ये मंदिर 5000 वर्ष पुराना है. पुराणों में इस मंदिर का वर्णन किया गया है. ऐसी मान्यता है कि ये मंदिर त्रेतायुग का है, जब भगवान राम का जन्म भी नहीं हुआ था. इस खूबसूरत मंदिर में हर समय एक धूना जलती रहती है और स्थानीय लोगों के मुताबिक, उन्होंने इसे सदैव ऐसे ही जलते हुए देखा है. शास्त्रों के अनुसार ये धूनी उस समय जली थी जब कलयुग में भगवान शिव ने यहां अपने दर्शन दिए थे. इस मंदिर को पुराणों में हिरण्यगर्भ ज्योतिर्लिंग के रूप में भी जाना जाता है. हर साल इस मंदिर में भक्तों का जमावड़ा देखा जा सकता है.
2. प्राचीन गौरी शंकर मंदिर-
प्रचानी गौरी शंकर मंदिर दिल्ली के चांदनी चौक में स्थित है. इस मंदिर को 800 साल पुराना बताया जाता है और ऐसा कहा जाता है कि ये मंदिर एक मराठा सिपाही ने बनवाया है. दरअसल काफी वर्षों पूर्व एक मराठी सिपाही हुआ करता था. वो भगवान शिव का परमभक्त था और उनको बहुत मानता था. एक बार वो मराठी सिपाही बुरी तरह जख्मी हो गया, तब उसने गुहार लगाई कि अगर वो जिंदा बच गया तो भगवान शिव का एक भव्य मंदिर बनवाएगा. अपने वचन के अनुसार उस मराठी सिपाही ने गौरी शंकर मंदिर का निर्माण करवाया और आज भारी संख्या में भक्त इस मंदिर का दीदार करते हैं.
3. मंगल महादेव बिरला कानन मंदिर-
दिल्ली के शिवाजी मार्ग पर स्थित ये 200 एकड़ में फैला भव्य मंदिर का लोकार्पण साल 1994 में पूर्व प्रधनामंत्री अटल बिहारी वाजपेयी द्वारा किया गया था. इस मंदिर में भगवान शिव की एक 100 फीट विशाल मूर्ति भी है, जिसे देखने के लिए लोग दूर-दूर से आते हैं. भगवान शिव के अलावा यहां माता पार्वती, कार्तिकेय, नंदी , सीता- श्रीराम आदि की मूर्तियों का भी दर्शन किया जा सकता है. इस मंदिर की सभी मूर्तिया कांस्य की बनी हुई हैं. मंदिर मे सुंदर बगीचे भी हैं.
4. शिव मंदिर गुफा वाला-
प्रीत विहार में स्थित इस मंदिर की तरफ छोटे-बड़े सभी लोग आकर्षित होते हैं. इस मंदिर की खूबसूरती है यहां बनी सुंदर आकृतियां, जो किसी का भी मन मोह लेती हैं. सिर्फ यहीं नहीं, गुफा में जानें का अनुभव भी यादगार होता है और यहां आए भक्त उस पल को कभी नहीं भूलते. बता दें, प्रीत विहार मेट्रो स्टेशन से इस मंदिर की तरफ आसानी से जाया जा सकता है.
5. श्री सिद्धेश्वर महादेव मंदिर
श्री सिद्धेश्वर महादेव मंदिर गाजियाबाद के वैशाली में स्थित है. इस मंदिर का निर्माण कश्मीरी पंडितों द्वारा किया गया है. वैशाली का सबसे विशाल शिवलिंग इसी मंदिर में स्थापित है. सिर्फ यही नहीं, यहां पर एक गोपीनाथ आश्रम भी चलाया जाता है. हर महीने के पहले रविवार को यहां हवन किया जाता है. गोपीनाथजी के जन्मदिवस पर इस मंदिर में एक विशाल भंडारा भी रखा जाता है.
6. नीली छतरी मंदिर-
दिल्ली के निगम बोध घाट में स्थित नीली छतरी मंदिर का निमार्ण महाभारत काल में करवाया गया था. ऐसी मान्यता है कि इसी मंदिर में युधिष्ठिर ने अश्वमेध यज्ञ करवाया था. इसके इस इतिहास के चलते महाशिवरात्रि के अवसर पर यहां बड़ी संख्या में भक्त अपनी मनोकामना पूरी करने के लिए आते हैं.