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शनि जयंती पर 16 साल बाद बन रहा है रोहिणी नक्षत्र योग

आज शनि जयंती है और शनि भक्तों के लिए यह बेहद खास दिन है. अमावस्या और शनि जयंती के खास मौके पर इस खास दिन खास योग भी बन रहा है.

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शनि देव
शनि देव

आज शनि जयंती है और शनि भक्तों के लिए यह बेहद खास दिन है. अमावस्या और शनि जयंती के खास मौके पर इस खास दिन खास योग भी बन रहा है.

आज शनि जयंती पर 16 साल बाद रोहिणी नक्षत्र योग बन रहा है.

विशेष फलदायी रहेगा संयोग

शनि जयंती रोहिणी नक्षत्र में 16 साल बाद शनि जयंती मनेगी. यह विशेष संयोग शनि आराधना के लिए विशेष फलदायी रहेगा. इस दिन सूर्य, चंद्र व मंगल वृष राशि में रहेंगे. शनि धनु राशि में वक्री रहेंगे. इन ग्रह योगों के चलते शनिदेव का तेल व तिल से अभिषेक कर गरीबों को दान करें तो विशेष पुण्य लाभ मिलेगा.

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यदि कुंडली में शनि से संबंधित दोष हो

जिन लोगों की कुंडली में शनि ग्रह से संबंधित दोष है उनको 25 मई को शनिदेव की विशेष पूजा करनी चाहिए. शनि ग्रह से संबंधित चीजों का दान करना चाहिए और ईमानदारी के कर्म करने का प्रण लेना चाहिए. यदि कोई पूरी आस्था से ये सब करता है तो शनि से संबंधित सारे दोष शनिदेव हर लेते हैं और दौलत, शोहरत प्रदान करते हैं.

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पति की लंबी आयु के लिए वट सावित्री व्रत

ज्येष्ठ मास की अमास्या को वट सावित्री व्रत का विधान धर्म ग्रंथों में बताया गया है. महिलाएं अपने पति की लंबी आयु के लिए, उनके जीवन से परेशानी दूर करने के लिए वट सावित्री व्रत पूरी आस्था से रखती है शास्त्रों के अनुसार ये व्रत सौभाग्य को बढ़ाने वाला और पुण्य प्रदान करने वाला माना जाता है ये व्रत पति-पत्नी के बीच प्रेम भाव को और बढ़ता है, घर में खुशहाली आती है, सुख-समृद्धि की प्राप्ति होती है.

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ज्येष्ठ अमावस्या के दिन कैसे करें पूजन

-सुबह जल में गंगाजल मिलाकर स्नान करें

-सूर्य देव को जल में तिल मिलाकर अर्घ्य दें

-पीपल के पेड़ पर जल अर्पित करें

-वट सावित्री व्रत रखने वाली महिलाएं यम देवता का पूजन करें, सामर्थ के अनुसार दान करें

- सभी लोग शनि देव का पूजन शनि मंदिर जा कर करें, शनि चालीसा का पाठ करें, 108 बार शनि मंत्र का जाप करें

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कब से कब तक रहेगी अमावस्या तिथि

25 मई को सुबह 5:10 बजे से रात 1 बजे तक

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