scorecardresearch
 

यहां चमगादड़ हैं देवदूत, होती है पूजा

छत्तीसगढ़ के महासमुंद जिले में बागबाहरा तहसील के गाड़ाघाट में विलुप्त हो रहे चमगादड़ों को बचाने के लिए ग्रामीण एकजुट हैं. ग्रामीण चमगादड़ों को देवदूत मानते हैं और विशेष अवसरों पर पूजा-पाठ भी करते हैं.

Advertisement
X
Symbolic Image
Symbolic Image

छत्तीसगढ़ के महासमुंद जिले में बागबाहरा तहसील के गाड़ाघाट में विलुप्त हो रहे चमगादड़ों को बचाने के लिए ग्रामीण एकजुट हैं. ग्रामीण चमगादड़ों को देवदूत मानते हैं और विशेष अवसरों पर पूजा-पाठ भी करते हैं.

ग्रामीणों की इस पहल से इलाके में चमगादड़ों को नया जीवन मिल रहा है. गांव की पंचायत ने तय किया है कि हजारों की संख्या में मौजूद इन पक्षियों का कोई शिकार करता है तो उस पर पांच हजार रुपये का जुर्माना लगाया जाएगा. गाड़ाघाट के जगतारान साहू ने बताया कि ग्रामीणों की यह मान्यता है कि चमगादड़ जिस गांव में निवास करता है वहां संपन्नता का भी वास होता है. खेती के लिए नुकसानदेह कीटों का चमगादड़ भक्षण करते हैं और उनकी बीट फसल के लिए लाभकारी होती है. सुरक्षा के लिए ग्रामीण समय-समय पर पहरेदारी भी करते हैं.

गांव के बुजुर्ग संतोष पटेल ने बताया कि गाड़ाघाट में चमगादड़ों की सुरक्षा की जिम्मेदारी उन्हें उनके पूर्वजों ने दी है. सालों से चली आ रही परंपरा को मौजूदा पीढ़ी भी निभा रही है. उन्होंने बताया कि पहले इनके शिकार पर पांच सौ रुपये का जुर्माना था, जिसे अब बढ़ाया गया है. बहरहाल, सूबे में विलुप्तप्राय पक्षियों का बचाने और संरक्षित करने का जन अभियान चल पड़ा है, जिसके सकारात्मक परिणाम दिख रहे हैं.

Advertisement

इनपुट: IANS

Advertisement
Advertisement