Hanuman Jayanti 2025: हर वर्ष चैत्र शुक्ल पूर्णिमा के दिन हनुमान जयंती मनाई जाती है. इस दिन हनुमान जी के भक्त विशेष पूजा-अर्चना करते हैं, व्रत रखते हैं और उन्हें प्रिय भोग अर्पित करते हैं. ऐसी मान्यताएं हैं कि हनुमान जी एकमात्र ऐसे देवता हैं जो आज भी सशरीर इस धरती पर विराजमान हैं. उनकी पूजा से व्यक्ति को बल, बुद्धि और विवेक की प्राप्ति होती है और जीवन के डर व कष्टों से मुक्ति मिलती है. कुछ लोग संकटमोचन हनुमान को पूजा में सिंदूर भी अर्पित करते हैं. आइए आज आपको इसके पीछे की वजह बताते हैं.
हनुमान जी को सिंदूर क्यों चढ़ाया जाता है?
हनुमान जी की पूजा में सिंदूर चढ़ाने की भी परंपरा है. मान्यता है कि हनुमान जी को सिंदूर चढ़ाने से व्यक्ति के जीवन में सुख-समृद्धि आती है और उसके सारे कष्टों का निवारण हो जाता है. त्रेता युग की बात है. एक बार माता सीता अपनी मांग में सिंदूर भर रही थीं. तभी हनुमान जी ने उनसे पूछा, “माता, आप मांग में सिंदूर क्यों लगाती हैं?”
माता सीता ने हनुमान को उत्तर देते हुए कहा, “अपने स्वामी श्रीराम की दीर्घायु और स्वास्थ्य की कामना के लिए.” इस बात पर हनुमान जी ने सोचा कि यदि चुटकी भर सिंदूर से प्रभु श्रीराम को इतना लाभ होता है, तो मैं अपने पूरे शरीर पर सिंदूर लगा लेता हूं. ताकि उन्हें अधिक से अधिक लाभ हो. इसके बाद उन्होंने अपने पूरे शरीर में सिंदूर का लेप लगा लिया.
जब भगवान श्रीराम ने हनुमान जी को इस रूप में देखा, तो वो जोर-जोर से ठहाके मारकर हंसने लगे और पूछा, 'तुमने अपने पूरे शरीर पर सिंदूर क्यों लगा रखा है हनुमान?' हनुमान जी ने उत्तर दिया, “प्रभु, आपकी लंबी उम्र और सुख-समृद्धि के लिए.”
तब श्रीराम उनके इस प्रेम और भक्ति से अत्यंत प्रसन्न हुए और वरदान दिया कि जो भी भक्त श्रद्धा से हनुमान जी को सिंदूर चढ़ाएगा. उसके सभी कष्ट दूर होंगे और उस पर मेरी कृपा सदा बनी रहेगी.
हनुमान जन्मोत्सव पर अवश्य करें ये कार्य
इस दिन जल्दी उठकर स्नान के बाद स्वच्छ वस्त्र धारण करें और हनुमान चालीसा, सुंदरकांड या बजरंग बाण का पाठ करें. साथ ही हनुमान जी को सिंदूर, चमेली का तेल, गुड़-चने और लाल फूल अर्पित करें. इस दिन हनुमान जी को सिंदूर चढ़ाने से जीवन से सभी प्रकार के कष्टों का निवारण होता है, बल, बुद्धि और विजय प्राप्त होती है और श्रीराम और हनुमान जी की कृपा सदैव बनी रहती है.