महावीर जयंती का पर्व चैत्र शुक्ल त्रयोदशी को मनाया जाता है. यह जैन लोगों का सबसे प्रमुख पर्व है. भगवान महावीर स्वामी, जैन धर्म के 24वें तीर्थंकर थे. इस साल 17 अप्रैल बुधवार के दिन महावीर जयंती का पर्व मनाया गया.
महावीर जयंती के खास मौके पर दिल्ली के जैन मंदिरों में भक्तों की भीड़ उमड़ पड़ी. दिल्ली के महरौली में स्थित जैन मंदिर अहिंसा स्थल और ग्रीन पार्क के पार्श्वनाथ दिगंबर जैन मंदिर में भक्तों की लंबी कतारें देखी गईं.
महावीर जयंती के पावन पर्व पर जैन मंदिरों में लोग आस्था में डूबे नजर आए. जैन मंदिरों में प्रात: काल भगवान महावीर की मूर्तियों का समारोह पूर्वक अभिषेक किया गया. इस मौके पर जैन मंदिरों को विशेष तौर पर सजाया गया.
बता दें, भगवान महावीर का जन्म करीब ढाई हजार साल पहले (ईसा से 599 वर्ष पूर्व), वैशाली के गणतंत्र राज्य क्षत्रिय कुण्डलपुर में हुआ था. तीस वर्ष की आयु में महावीर ने संसार से विरक्त होकर राज वैभव त्याग दिया और संन्यास धारण कर आत्मकल्याण के पथ पर निकल गए थे.
12 वर्षों की कठिन तपस्या के बाद भगवान महावीर को ज्ञान प्राप्त हुआ जिसे कैवल्य कहते हैं. 72 वर्ष की आयु में उन्हें पावापुरी से मोक्ष की प्राप्ति हुई. इस दौरान महावीर स्वामी के कई अनुयायी बने, जिसमें उस समय के प्रमुख राजा बिम्बिसार, कुणिक और चेटक भी शामिल थे.
जैन समाज द्वारा महावीर स्वामी के जन्मदिवस को महावीर-जयंती तथा उनके मोक्ष दिवस को दीपावली के रूप में धूम धाम से मनाया जाता है.
(Photo: Hardik Chhabra, India Today)