इसके बाद उन्होंने 1839 में देवी का भव्य मंदिर बनवाया और बहुचर देवी को बहुमूल्य नौलखा हार अर्पण किया. करोड़ों की कीमत का यह हार कड़ी सुरक्षा के बीच रखा जाता है, जिसे केवल दशहरे पर ही देवी मां को पहनाया जाता है. इस हार को पहनाए जाने के बाद देवी की सुरक्षा काफी बढ़ा दी जाती है. देवी के आस-पास कई हथियारबंद सुरक्षा जवान तैनात रहते हैं.