Utpanna Ekadashi 2025: इस साल उत्पन्ना एकादशी का व्रत 15 नवंबर को रखा जाएगा. शास्त्रों में इसे पहली एकादशी बताया गया है. इसी दिन देवी एकादशी का उद्भव हुआ था. कहते हैं कि इस दिन भगवान विष्णु की पूजा बहुत शुभ और फलदायी मानी जाती है. उत्पन्ना एकादशी पर लक्ष्मी पूजा का भी विशेष महत्व बताया गया है. ज्योतिषविदों का कहना है कि उत्पन्ना एकादशी के दिन तुलसी से जुड़ी कुछ खास गलतियां करने से बचना चाहिए.
तुलसी की पत्तियां न तोड़ें
उत्पन्ना एकादशी के दिन तुलसी की पत्तियों को तोड़ने की गलती बिल्कुल न करें. इस दिन तुलसी माता की विशेष पूजा-अर्चना का विधान बताया गया है. कुछ लोग इस दिन विष्णु पूजा के लिए तुलसी के पत्ते तोड़ लेते हैं. ऐसा गलती न करें. यदि आप भगवान को तुलसी दल अर्पित करना चाहते हैं तो एक दिन पहले ही तुलसी क पत्तियां तोड़कर रख लें. इसके अलावा, जब तुलसी के पत्ते तोड़ने से पहले तुलसी मैय्या को प्रणाम जरूर करें.
तुलसी को जल न चढ़ाएं
एकादशी के दिन तुलसी के पौधे में जल चढ़ाना वर्जित माना गया है. ऐसा कहा जाता है कि इस दिन तुलसी माता भी भगवान विष्णु के लिए निर्जला व्रत रखती हैं. इसलिए उन्हें जल अर्पित करने से उनका उपवास भंग हो जाता है. विशेष रूप से उत्पन्ना एकादशी के दिन तुलसी को जल नहीं देना चाहिए, क्योंकि इससे पूजा-अर्चना का प्रभाव कम हो जाता है. इसके अलावा, रविवार या ग्रहण के समय भी तुलसी पर जल नहीं चढ़ाना चाहिए.
गंदे हाथों से तुलसी को स्पर्श न करें
उत्पन्ना एकादशी के दिन जूठे या गंदे हाथों से तुलसी के पौधे के स्पर्श बिल्कुल न करें. तुलसी को स्वयं देवी लक्ष्मी का ही स्वरूप माना जाता है. तुलसी को जूठे या गंदे हाथ लगाने से मां लक्ष्मी रुष्ट हो सकती हैं. इतना ही नहीं, इस दिन घर में मांस-मदिरा या तामसिक चीजों का सेवन भी वर्जित है. इस दिन घर में स्वच्छता और सात्विकता का विशेष ध्यान रखें. शाम के पास तुलसी के पौधे के पास एक दीपक जरूर जलाएं.