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4 शुभ योगों में रखा जाएगा आषाढ़ सोम प्रदोष व्रत, जानें पूजन विधि

Som Pradosh Vrat 2022 kab hai: इस बार 11 जुलाई को आषाढ़ माह का प्रदोष व्रत रखा जाएगा. दिन सोमवार होने की वजह से ये सोम प्रदोष व्रत होगा. ज्योतिषियों का कहना है इस प्रदोष व्रत पर चार शुभ योग भी बनेंगे. सोम प्रदोष की शुरुआत सर्वार्थ सिद्धि योग और ब्रह्म योग के साथ होगी.

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4 शुभ योगों में रखा जाएगा आषाढ़ सोम प्रदोष व्रत, जानें पूजन विधि
4 शुभ योगों में रखा जाएगा आषाढ़ सोम प्रदोष व्रत, जानें पूजन विधि
स्टोरी हाइलाइट्स
  • सोम प्रदोष व्रत पर बन रहे 4 शुभ योग
  • जानें पूजन विधि और मुहूर्त

आषाढ़ माह के शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी तिथि को प्रदोष व्रत रखा जाएगा. ये व्रत रखने से व्यक्ति के जीवन की तमाम बधाएं दूर हो जाती हैं और मनोवांछित फल की प्राप्ति भी होती है. इस बार 11 जुलाई को आषाढ़ माह का प्रदोष व्रत रखा जाएगा. दिन सोमवार होने की वजह से ये सोम प्रदोष व्रत होगा. ज्योतिषियों का कहना है इस प्रदोष व्रत पर चार शुभ योग भी बनेंगे.

चार शुभ योग में प्रदोष
सोम प्रदोष की शुरुआत सर्वार्थ सिद्धि योग और ब्रह्म योग के साथ होगी. इस दिन सूर्योदय से लेकर रात 9 बजे तक शुक्ल योग रहेगा. फिर सुबह 5 बजकर 15 से 5 बजकर 32 मिनट तक है रवि योग रहेगा. सोम प्रदोष व्रत में रवि योग, शुक्ल योग, ब्रह्म योग और सर्वार्थ सिद्धि योग एक साथ बन रहा है. इन अबूझ मुहूर्तों में भगवान शिव की पूजा करना बहुत ही फलदायी रहेगा.

सोम प्रदोष व्रत की पूजा विधि
सोम प्रदोष व्रत के दिन सूर्यास्त से 45 मिनट पहले और सूर्यास्त के 45 मिनट बाद तक  भगवान शिव की पूजा की जाती है. इस दिन सुबह नहाकर स्वच्छ वस्त्र धारण करें. इस दिन हल्के लाल या गुलाबी रंग का वस्त्र धारण करना शुभ रहता है. चांदी या तांबे के लोटे से शुद्ध शहद एक धारा के साथ शिवलिंग पर अर्पण करें.

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इसके बाद शुद्ध जल की धारा से अभिषेक करें तथा ॐ सर्वसिद्धि प्रदाये नमः मंत्र का 108 बार जाप करें. अपनी समस्या के लिए भगवान शिव से प्रार्थना करें. प्रदोष व्रत कथा का पाठ करें और शिव चालीसा पढ़ें. आज के दिन महामृत्युंजय मंत्र का जाप जरूर करना चाहिए.

 

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