आषाढ़ माह का प्रदोष व्रत सोमवार, 11 जुलाई यानी आज है. दिन सोमवार होने की वजह से इसे सोम प्रदोष व्रत कहा जाएगा. इसके बाद अगला प्रदोष व्रत सावन के महीने में आएगा. कहते हैं कि प्रदोष व्रत में भगवान शिव की उपासना करने से मन की हर इच्छा पूर्ण हो सकती है. चूंकि इस बार सोम प्रदोष पर चार शुभ संयोग बन रहे हैं, इसलिए इसका महत्व और बढ़ गया है.
सोम प्रदोष व्रत पर 4 शुभ संयोग
सोम प्रदोष व्रत में रवि योग, ब्रह्म योग, शुक्ल योग और सर्वार्थ सिद्धि योग एक साथ बन रहे हैं. ब्रह्म योग और सर्वार्थ सिद्धि योग के साथ सोम प्रदोष व्रत की शुरुआत हो चुकी है. अब सूर्योदय से लेकर रात 9 बजे तक शुक्ल योग रहेगा और सुबह सवा पांच से लेकर 5.32 तक रवि योग है. ऐसे शुभ योगों में भगवान शिव की पूजा बहुत ही फलदायी रहेगी.
सोम प्रदोष व्रत का शुभ मुहूर्त
सोम प्रदोष व्रत पर आज भगवान शिव की पूजा के लिए शुभ समय शाम 07 बजकर 22 मिनट से लेकर रात 09 बजकर 24 मिनट तक रहेगा. इस दौरान भक्तों को पूजा के लिए करीब दो घंटे का समय मिलेगा.
सोम प्रदोष व्रत की पूजन विधि
सोम प्रदोष व्रत के दिन सूर्यास्त से 45 मिनट पहले और सूर्यास्त के 45 मिनट बाद तक भगवान शिव की पूजा की जाती है. इस दिन सुबह नहाकर स्वच्छ वस्त्र धारण करें. इस दिन हल्के लाल या गुलाबी रंग का वस्त्र धारण करना शुभ रहता है. चांदी या तांबे के लोटे से शुद्ध शहद एक धारा के साथ शिवलिंग पर अर्पण करें.
इसके बाद शुद्ध जल की धारा से अभिषेक करें तथा ॐ सर्वसिद्धि प्रदाये नमः मंत्र का 108 बार जाप करें. अपनी समस्या के लिए भगवान शिव से प्रार्थना करें. प्रदोष व्रत कथा का पाठ करें और शिव चालीसा पढ़ें. आज के दिन महामृत्युंजय मंत्र का जाप जरूर करना चाहिए.