Raksha Bandhan 2024: आज देशभर में रक्षाबंधन का त्योहार मनाया जा रहा है. राखी का यह त्योहर हर साल सावन पूर्णिमा के दिन मनाया जाता है. इस दिन बहनें अपने भाई की कलाई पर तीन रंगों का एक सूत्र बांधती है, जिसे राखी कहते हैं. फिर उसकी दीर्घायु और भाग्योदय की कामना करती है. इसके बदले भाई अपनी बहन को रक्षा का वचन देता है. रक्षाबंधन पर भाई अपनी बहन को कोई उपहार भी दे सकते हैं. लेकिन कुछ लोग राखी पर भद्रा काल लगने से बहुत चिंतित हैं. खासतौर से जो लोग सुबह-सुबह भाई को राखी बांधने के बारे में सोच रहे हैं, वो अभी तक असमंजस में हैं. आइए जानते हैं कि इस बारे में ज्योतिष शास्त्र क्या कहता है.
रक्षाबंधन पर भद्रा काल का समय (Raksha Bandhan 2024 Bhadra Kaal)
हिंदू पंचांग के अनुसार, इस बार राखी के त्योहार पर भद्रा काल लगने वाला है. भद्रा काल में भाई को कभी राखी नहीं बांधनी चाहिए. यह अवधि बहुत अशुभ होती है. इस बार भद्रा का साया 19 अगस्त की रात 02.21 बजे से दोपहर 01.30 बजे तक रहने वाला है.
हालांकि ज्योतिषाचार्य डॉ. अरुणेश कुमार शर्मा का कहना है कि चंद्रमा के मकर राशि में होने के कारण भद्रा पाताल में मान्य होगी. धरती पर होने वाला कोई भी शुभ कार्य इससे बाधित नहीं होगा. इसलिए आप निसंकोच शुभ मुहूर्त देखकर भाई को राखी बांध सकती हैं.
राखी बांधने का शुभ मुहूर्त (Raksha Bandhan 2024 Shubh muhurt)
इस बार रक्षाबंधन पर भद्रा काल बीतने के बाद ही भाई को राखी बांधने का उत्तम मुहूर्त बन रहा है. राखी बांधने का सबसे अच्छा मुहूर्त दोपहर 01.46 बजे से शाम 04.19 बजे तक रहेगा. यानी राखी बांधने के लिए पूरे 2 घंटे 33 मिनट का समय मिलेगा. इसके अलावा, आप शाम को प्रदोष काल में भी भाई की कलाई पर राखी बांध सकती हैं. इस दिन शाम 06.56 बजे से रात 09.07 बजे तक प्रदोष काल रहेगा.
कैस मनाएं रक्षाबंधन?
रक्षाबंधन के दिन सुबह स्नानादि के बाद साफ-सुथरे वस्त्र धारण करें. इसके बाद भाई अपने हाथ में दक्षिणा या फिर चावल लेकर मुट्ठी बांध ले और अपनी बहन से राखी बंधवाएं. सबसे पहले बहन खुद का और अपने भाई का सिर ढके. इसके बाद माथे पर कुमकुम का तिलक लगाकर अक्षत लगाए, सीधे हाथ में नारियल देकर भाई की कलाई पर रक्षा सूत्र बांधें. रक्षा सूत्र बांधने के बाद बहनें भाई का मुंह मीठा कराएं और उनकी आरती उतारें. भाई की दीर्घायु और सुख-संपन्नता की कामना करें. अपने सामर्थ्य के अनुसार उन्हें कोई उपहार अवश्य दें.
रक्षाबंधन की परंपरा और महत्व (Raksha Bandhan 2024 Significance)
भारत में रक्षाबंधन मनाने की परंपरा सदियों पुरानी है. एक पौराणिक कथा के अनुसार, जब राजा बलि ने भगवान विष्णु से वचन लेकर उन्हें अपने साथ पाताल लोक में रख लिया था. तब मां लक्ष्मी ने रक्षा राजा बलि की कलाई पर राखी बांधकर उनसे भगवान विष्णु की घर वापसी मांगी थी.
वहीं महाभारत से जुड़ी कथा के अनुसार, एक बार द्रौपदी ने कृष्ण की चोट को ठीक करने के लिए उनकी कलाई पर अपनी पोशाक से एक कपड़ा फाड़ कर बांध दिया था. भगवान श्री कृष्णा इस बात से इतनी ज्यादा खुश और प्रभावित हुए कि उन्होंने द्रौपदी को अपनी बहन बना लिया और उनकी रक्षा करने की जिम्मेदारी ली. कहते हैं कि तभी से रक्षाबंधन का त्योहार मनाने की परंपरा चली आ रही है.