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'मनसुखा मैं ही था...' राजपाल यादव ने खुद को बताया कृष्ण का दोस्त, लोट-पोट हुए प्रेमानंद

Premananad Maharaj And Rajpal Yadav: फिल्म अभिनेता राजपाल यादव वृंदावन स्थित प्रेमानंद महाराज के आश्रम पहुंचे. प्रेमानंद महाराज ने उनके हास्य अभिनय की सराहना करते हुए कहा कि वे लोगों को आनंद देते हैं. दोनों के बीच हुई वार्तालाप में कई ऐसे मौके आए जहां राजपाल यादव की बातों ने प्रेमानंद महाराज को हंसने पर महबूर कर दिया.

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राजपाल यादव ने प्रेमानंद महाराज से कहा कि आपको देखकर यह पता चल गया कि धरती पर ईश्वर है. (Photo: Screengrab/YT_Bhajanmarg)
राजपाल यादव ने प्रेमानंद महाराज से कहा कि आपको देखकर यह पता चल गया कि धरती पर ईश्वर है. (Photo: Screengrab/YT_Bhajanmarg)

Premananad Maharaj And Rajpal Yadav: फिल्म अभिनेता राजपाल यादव प्रेमानंद महाराज का आशीर्वाद लेने उनके वृंदावन स्थित आश्रम पहुंचे. प्रेमानंद महाराज के ऑफिशियल यूट्यूब चैनल पर इस मुलाकात का एक वीडियो सामने आया है. इस दौरान प्रेमानंद महाराज ने राजपाल से कहा कि आप अपने हास्य अभिनय से लोगों को खूब हंसाते हैं और मनोरंजन करते हैं. ये देखकर बहुत अच्छा लगता है. प्रेमानंद जी ने राजपाल यादव से कहा कि काम के साथ-साथ भगवान का स्मरण करते रहो और जीवन को आनंदमय बनाओ. किसी विपत्ति से हारो नहीं, बस लड़ना सीखो.

इसके बाद राजपाल यादव ने प्रेमानंद महाराज से कहा कि आपको देखकर यह पता चल गया कि धरती पर ईश्वर है. इतना कहकर राजपाल रुक गए और बोले कि मैं सोचकर आया था कि बहुत कुछ कहूंगा, लेकिन अब कुछ याद नहीं आ रहा. ये सुनकर प्रेमानंद महाराज ठहाके मारकर हंस पड़े. इसके बाद राजपाल यादव ने बताया कि उनकी पत्नी भी प्रेमानंद महाराज की बहुत बड़ी प्रशंसक हैं और उनका आशीर्वाद लेना चाहती हैं.

राजपाल ने सुनाया कठिन मंत्र
इस चर्चा के बीच राजपाल ने प्रेमानंद महाराज को एक बड़ा ही कठिन मंत्र बोलकर सुनाया और कहा कि वो लगातार इस मंत्र का जाप करते हैं. मंत्र था- 'सच्चिदानंद रूपाय विश्वोत्पत्यादिहेतवे! तापत्रय विनाशाय श्री कृष्णाय वयं नम:।' इसके बाद राजपाल ने प्रेमानंद जी से कहा कि मुझे आशीर्वाद दीजिए कि मैं जीवन की इस आपाधापी में कथनी और करनी में एकता का संपादन कर सकूं.

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'सब ग्वाले थे, मनसुखा मैं ही था'
आखिर में राजपाल ने एक ऐसी बात कह डाली जिसे सुनकर प्रेमानंद महाराज हंसी से लोट-पोट हो गए. राजपाल ने कहा, 'मैं मन में एक गलतफहमी पालकर बैठ गया कि कृष्ण का द्वापर हुआ है. सब ग्वाले थे. मुझे लगता है कि मनसुखा मैं ही था.' इसके बाद राजपाल और प्रेमानंद महाराज सहित सभा में बैठे तमाम लोग ठहाके मारकर हंसने लगे. फिर राजपाल ने कहा कि ये पागलपन मैं हमेशा रखना चाहता हूं. बता दें कि मनसुखा भगवान श्रीकृष्ण के बाल सखाओं में से एक थे.

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