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Phulera Dooj 2023: 21 फरवरी को मनाई जाएगी फुलेरा दूज, जान लें इसका महत्व और पूजन विधि

Phulera Dooj 2023 kab hai: हिंदू धर्म में फुलेरा दूज के पर्व का काफी महत्व है. इस दिन कोई भी शुभ कार्य किया जा सकता है. फुलेरा दूज पर भगवान कृष्ण और राधा रानी की पूजा की जाती है. फाल्गुन मास के शुक्ल पक्ष की द्वितीया तिथि को फुलेरा दूज का पर्व मनाया जाता है. इस दिन ब्रज में श्रीकृष्ण के साथ फूलों की होली खेली जाती है

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21 फरवरी को मनाई जाएगी फुलेरा दूज
21 फरवरी को मनाई जाएगी फुलेरा दूज

Phulera Dooj 2023: हिंदू धर्म में फुलेरा दूज का काफी महत्व है. पंचांग के अनुसार, फाल्गुन माह के शुक्ल पक्ष की द्वितीया तिथि को फुलेरा दूज मनाई जाती है. यह दिन बहुत खास माना जाता है. होली से पहले फुलेरा दूज का त्योहार मनाया जाता है. फुलेरा दूज के दिन श्री कृष्ण और राधा रानी की पूजा की जाती है. ब्रज के मंदिरों में इस दिन श्री कृष्ण और राधा रानी को फूलों से सजाया जाता है और उन पर जमकर फूल बरसाए जाते हैं. 

फुलेरा दूज का शुभ मुहूर्त (Phulera Dooj 2023 Shubh Muhurat)

हिंदू पंचांग के अनुसार, फुलेरा दूज फाल्गुन माह में शुक्ल पक्ष की द्वितीया तिथि को मनाया जाता है. इस साल फुलेरा दूज की तिथि की शुरुआत 21 फरवरी 2023 मंगलवार को सुबह 09 बजकर 04 मिनट पर हो रही है और इसका समापन 22 फरवरी 2023 को सुबह 05 बजकर 57 मिनट पर होगा. उदयातिथि के अनुसार, इस साल फुलेरा दूज 21 फरवरी 2023 यानी मंगलवार को मनाई जाएगी. इस दिन भगवान कृष्ण और राधा रानी की पूजा गोधूली मुहूर्त में ही की जाएगी. इस दिन गोधूली मुहूर्त की शुरुआत शाम 06 बजकर 13 मिनट से लेकर शाम 06 बजकर 38 मिनट तक रहेगी. 

फुलेरा दूज का महत्व (Phulera Dooj Ka Mahatva)
फुलेरा दूज के दिन श्रीकृष्ण और राधा रानी की पूजा का विधान है. फुलेरा दूज का त्योहार ब्रज में मुख्य रूप से मनाया जाता है. इस दिन श्रीकृष्ण और राधा रानी के साथ फूलों की होली खेली जाती है और माखन मिश्री का भोग लगाया जाता है. फुलेरा दूज किसी शुभ कार्य जैसे सगाई या विवाह के लिए सर्वोत्तम माना जाता है. 

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फुलेरा दूज की सावधानियां (Phulera Dooj Mistakes)

वैसे तो यह पूरा दिन ही बेहद शुभ है लेकिन पूजा के लिए फुलेरा दूज के दिन गोधुली मुहूर्त सबसे अच्छा है. पूजा के समय रंगीन और साफ कपड़े पहनें. प्रेम संबंधों में सुधार के लिए पूजा कर रहे हैं तो गुलाबी कपड़े पहनें. वैवाहिक जीवन में आ रही परेशानियों को खत्म करने के लिए पूजा कर रहे है तो पीले रंग के कपड़े पहनें. पूजा के बाद सात्विक भोजन ही ग्रहण करें. 

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