Navratri Ashtami Shubh muhurt: चैत्र नवरात्रि के आठवें दिन मां महागौरी की पूजा होती है. महागौरी नवदुर्गा का आठवां स्वरूप है. मां महागौरी की चार भुजाएं हैं और इनका वाहन वृषभ है. इसीलिए इन्हें वृषारूढ़ा भी कहा गया है. महागौरी की महिमा अपार है. ये परम कल्याणकारी हैं. महागौरी पाप नष्ट करती हैं. अलौकिक सिद्धियों का वरदान देती हैं. देवी के स्वरूप की पूरी मुद्रा बहुत शांत है. इस बार चैत्र नवरात्रि में की अष्टमी तिथि पर महागौरी की पूजा 16 अप्रैल को यानी कल होगी. इस दिन अष्टमी तिथि का कन्या पूजन भी होगा. आइए आपको अष्टमी की पूजा विधि और शुभ मुहूर्त बताते हैं.
कौन हैं मां महागौरी?
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, शिव प्राप्ति के लिए मां गौरी ने कठोर तप किया था. इस तपस्या से उनका शरीर काला पड़ गया. महादेव के दर्शन के बाद ही देवी का शरीर अत्यंत गौर हुआ था. तभी से इनका नाम महागौरी पड़ गया. ऐसा माना जाता है कि माता सीता ने श्री राम की प्राप्ति के लिए इन्हीं की पूजा की थी. मां गौरी श्वेत वर्ण की हैं और श्वेत रंग में इनका ध्यान करना अत्यंत लाभकारी होता है.
कब है अष्टमी तिथि (Maha Ashtami 2024 date)
चैत्र माह की शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि 15 अप्रैल को रात 12 बजकर 11 मिनट से प्रारंभ होगी. इसका समापन 16 अप्रैल को रात 01 बजकर 23 मिनट पर होगा. उदिया तिथि के चलते चैत्र नवरात्रि की अष्टमी तिथि का व्रत-पूजन 16 अप्रैल को किया जाएगा.
मां गौरी की पूजा विधि (Maha Ashtami maa gauri puja)
चैत्र नवरात्रि की अष्टमी तिथि पर पीले वस्त्र धारण करके मां गौरी की पूजा का संकल्प ले. मां के सामने दीपक जलाएं और ध्यान करें. इनको पूजा में सफेद और पीले फूल अर्पित करें. पूजन में मां के मंत्रों का जाप करें. इसके बाद देवी हलवा, चने, पूरी, फल और मिष्ठान का भोग लगाना चाहिए.
महागौरी का प्रसाद (Maha Ashtami prasad)
मां दुर्गा के आठवें स्वरूप आदि शक्ति महागौरी की पूजा में उनके प्रिय भोग का प्रसाद चढ़ाने की परंपरा है. इस दिन महागौरी को नारियल से बनी मिठाई का भोग लगाना चाहिए.
अष्टमी पर कन्या पूजन की विधि (Maha Ashtami 2024 kanya pujan)
चैत्र नवरात्रि न सिर्फ व्रत-उपवास का पर्व है, बल्कि यह नारी शक्ति और कन्याओं के सम्मान का भी त्योहार है. इसलिए नवरात्रि में कुंवारी कन्याओं को पूजने और भोजन कराने की परंपरा भी है.
शास्त्रों के अनुसार, चैत्र नवरात्रि की अष्टमी पर कन्या पूजन से एक दिन पूर्व ही उनके घर जाकर निमंत्रण देना चाहिए. आप 2 वर्ष से लेकर 11 वर्ष तक की कन्याओं को आमंत्रित कर सकते हैं. गृह प्रवेश पर कन्याओं का पूरे परिवार के साथ पुष्प वर्षा से स्वागत करें और नव दुर्गा के सभी नामों के जयकारे लगाएं. फिर इन कन्याओं को आरामदायक और स्वच्छ जगह बिठाएं. सभी के पैरों को दूध से भरे थाल में रखकर अपने हाथों से उनके पैर स्वच्छ पानी से धोएं. कन्याओं के माथे पर अक्षत, फूल या कुमकुम लगाएं फिर मां भगवती का ध्यान करके इन देवी रूपी कन्याओं को इच्छा अनुसार भोजन कराएं. आप इन्हें हलवा, चना, पूरी और मिठाई दे सकते हैं. भोजन के बाद कन्याओं को अपने सामर्थ्य के अनुसार दक्षिणा, उपहार दें और उनके पैर छूकर आशीष लें.
कन्या पूजन का शुभ मुहूर्त (Ashtami 2024 kanya pujan shubh muhurt)
इस बार नवरात्रि में अष्टमी के कन्या पूजन के लिए दो शुभ मुहूर्त बन रहे हैं.
पहला शुभ मुहूर्त- सुबह 7 बजकर 51 मिनट से सुबह 10 बजकर 41 मिनट तक
दूसरा शुभ मुहूर्त (अभिजीत मुहूर्त)- सुबह 11 बजकर 55 मिनट से दोपहर 12 बजकर 47 मिनट तक
अष्टमी पर धन प्राप्ति के उपाय
अष्टमी पर कटोरी में चांदी का एक सिक्का रखकर मां गौरी को अर्पित करें. इसके बाद मां गौरी से धन के बने रहने की प्रार्थना करें. सिक्के को धोकर सदैव के लिए अपने पास रख लें.