Chaitra Navratri 2025: 6 अप्रैल को महानवमी पर कन्या पूजन के साथ ही चैत्र नवरात्र का समापन हो चुका है. अब कुछ लोगों के मन में एक सवाल जरूर होगा कि चैत्र नवरात्र में प्रयोग हुए कलश, नारियल, ज्वार और अखंड ज्योति का क्या होगा. आइए आज आपको इस बारे में विस्तार से जानकारी देते हैं.
नवरात्र के नौ दिन मां दुर्गा की पूजा के समय स्थापित किए गए कलश, उसके ऊपर रखे नारियल, ज्वार और अखंड ज्योति का खास महत्व है. नवरात्र के 9 दिनों के पूरा होने के बाद इन सभी चीजों को अगर विसर्जित नहीं कर रहे हैं तो इनका उपयोग ठीक तरीके से करना चाहिए. इन चीजों से जुड़ी कुछ ऐसी गलतियां हैं जिनसे बचाव करना जरूरी है. आइए जानते हैं इन चीजों का सही तरीके से विसर्जन और इसका उपयोग कैसे कर सकते हैं.
नारियल का सही उपयोग
नवरात्र में कलश के ऊपर रखे जाने वाले नारियल को तोड़कर प्रसाद के रूप में खाएं और परिवार में भी बाट दें. नहीं तो फिर इसे लाल कपड़े में बांधकर घर के मंदिर या तिजोरी में रख सकते हैं. ऐसे करने से घर में धन की बढ़ोतरी होती है. अगर नारियल खराब हो गया है तो फिर इसे पवित्र नदी या तालाब में प्रवाहित कर सकते हैं. नारियल के विसर्जन करने से पहले मां से प्रार्थना जरूर करें.
अखंड ज्योति का सही उपयोग
नवरात्र के समापन के बाद अखंड ज्योति को सम्मान के साथ बुझाना चाहिए. कभी अखंड ज्योति को जबरदस्ती नहीं बुझाना चाहिए, ऐसा करना अशुभ माना गया है. आप चाहें तो अखंड ज्योति को जलने दे सकते हैं, या फिर आप इसकी ज्योत को निकालकर अलग दीये में रख सकते हैं और इसके तेल को किसी अन्य पूजा के लिए इस्तेमाल कर सकते है. अखंड ज्योति का यह तेल बहुत ही पवित्र माना गया है.
ज्वार का सही उपयोग
नवरात्र के समापन के बाद ज्वार को मिट्टी के बर्तन से निकालना चाहिए. ज्वार को छोटे-छोटे हिस्सों में परिवार और पड़ोसियों को बांट सकते है. हालांकि, इसे खाने में इस्तेमाल नहीं करना चाहिए. इसे शुभ चिन्ह के रूप में रखते हैं. आप कुछ ज्वार को लाल कपड़े में बांधकर घर के मंदिर और तिजोरी में रख सकते हैं, ऐसा करने से घर में कभी धन की कमी नहीं होगी. इसके अलावा एक या दो ज्वार अपने पर्स में भी रख सकते हैं, इससे मां की कृपा और धन-धान्य की वृद्धि होती है. इसके बाद भी ज्वार बच जाए तो फिर इसे पवित्र नदी या तलाब में विसर्जन कर सकते हैं.