पहलगाम में मंगलवार को हुए आतंकी हमले में 28 लोगों की जान चली गई. इस घटना से पूरा देश सदमे में है. आतंकवादियों ने पहलगाम की बैसारन वैली में हिंदू पुरुषों को निशाना बनाया. उन्हें कलमा पढ़ने को कहा और बेरहमी से मार डाला. जम्मू-कश्मीर की सरजमीं पर यह कोई पहला ऐसा मामला नहीं है. इससे पहले भी कई बार ऐसी घटनाएं देखी जा चुकी हैं. हालांकि स्वर्ग जैसा दिखने वाले जिस पहलगाम को आज दहशत और आतंक से जोड़ा जा रहा है, उसका हिंदू ग्रंथों में विशेष स्थान रहा है. यहां भगवान शिव और उनके परिवार से जुड़े कई मंदिर हैं. कश्मीर घाटी के पहलगाम में लिद्दर नदी के तट पर स्थित ममलेश्वर मंदिर इन्हीं में से एक है.
मामलेश्वर मंदिर (पहलगाम)
मामलेश्वर मंदिर कश्मीर घाटी के सबसे पुराने और प्रमुख मंदिरों में से एक है, जो पहलगाम गांव में स्थित है. ऐसी मान्यता है कि इस मंदिर को 12वीं शताब्दी में लोहरा वंश के हिंदू राजा जयसिंह द्वारा बनवाया गया था. राजा ने इस मंदिर की छत पर सोने का कलश भी चढ़वाया था. यह पहलगाम के सबसे आकर्षक धार्मिक स्थलों में से एक माना जाता है.
हर साल हजारों श्रद्धालु भगवान शिव की पूजा करने यहां आते हैं. मामलेश्वर मंदिर को ‘मम्मल मंदिर’ भी कहा जाता है. एक मान्यता के अनुसार, इस मंदिर में भगवान गणेश को द्वारपाल के रूप में नियुक्त किया गया था. तभी से इसे 'मम्मल' कहा जाने लगा — 'मम' यानी "मत" और 'मल' यानी "जाना",अर्थात् "मत जाओ", जो सुरक्षा का प्रतीक है. मंदिर में दो सुंदर नंदी की मूर्तियां हैं. मंदिर के अंदर शिवलिंग स्थापित है और उसके पास एक जल स्रोत है, जिसका पानी एक छोटे से कुंड में इकट्ठा होता है.
पौराणिक कथा
हिंदू धर्मग्रंथों के अनुसार, यही वो मंदिर है जहां माता पार्वती ने गणेशजी को द्वारपाल बनाकर खड़ा किया था और कहा था कि कोई भी अंदर न आ पाए. इसी दौरान भगवान शिव वहां आए और अंदर जाने लगे, लेकिन गणेशजी ने उन्हें रोक दिया. इससे नाराज होकर शिवजी ने गणेश का सिर काट दिया. जब पार्वती बाहर आईं और यह देखा, तो उन्हें बहुत क्रोध आया. उन्होंने शिवजी से कहा कि गणेश उनका और शिव का ही पुत्र है.
यह सुनकर शिवजी ने तुरंत गणेश के कटे हुए सिर की जगह एक हाथी का सिर लगाकर उन्हें फिर से जीवित कर दिया. ऐसी मान्यता है कि यही वह स्थान है, जहां भगवान गणेश को हाथी का सिर मिला था. इसलिए मामलेश्वर मंदिर हिंदुओं के लिए धार्मिक और ऐतिहासिक रूप से बहुत महत्वपूर्ण माना जाता है.