Ganesh Chaturthi 2025: आज देशभर में गणेश चतुर्थी का महापर्व धूमधाम से मनाया जा रहा है. गणेश चतुर्थी पर जहां भगवान गणेश की पूजा का विशेष महत्व बताया गया है. वहीं इस दिन चंद्र दर्शन वर्जित माना जाता है. कहते हैं कि भाद्रपद मास के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि को चंद्रमा का दर्शन अशुभ होता है. किंवदंती है कि इस दिन चंद्र दर्शन करने से व्यक्ति पर झूठे आरोप या झूठ का कलंक लग सकता है. इंसान की छवि कलंकित हो सकती है. इसके पीछे एक पौराणिक कथा का भी हवाला दिया जाता है.
पौराणिक कथा के अनुसार, एक बार भगवान गणेश अपनी पसंदीदा मिठाई का आनंद ले रहे थे. तभी वहां से गुजरते हुए चंद्र देव ने उन्हें देखा और उनका उपहास (मजाक) उड़ाने लगे. चंद्र देव ने अपने सौंदर्य और रूप के अहंकार में ऐसा किया था. इससे क्रोधित होकर भगवान गणेश ने चंद्र देव को श्राप दिया कि उनका रूप और चमक नष्ट हो जाएगी. और जो भी व्यक्ति उनके इस रूप में उन्हें देखेगा, वह भी कलंकित हो जाएगा.
श्राप से चंद्रमा की खो गई चमक
श्राप मिलते ही चंद्रमा की सभी कलाएं क्षीण हो गईं और उनकी चमक समाप्त होने लगी. तब चंद्रमा को अपनी गलती का एहसास हुआ और उन्होंने भगवान गणेश से क्षमा मांगी और आराधना की. तब उनकी भक्ति और पश्चाताप से प्रसन्न होकर गणेश जी ने कहा कि इस श्राप को पूरी तरह वापस लेना संभव नहीं है. लेकिन इसे सीमित किया जा सकता है.
गणेश जी ने श्राप को कम करते हुए कहा कि चंद्र के दर्शन करने से कलंकित होने का श्राप सिर्फ भादो शुक्ल चतुर्थी पर ही लगेगा. कहते हैं कि उसी दिन से भादो शुक्ल चतुर्थी पर चंद्र दर्शन को वर्जित माना गया है. इस दिन को कलंक चौथ या कलंक चतुर्थी भी कहा जाता है.
पौराणिक मान्यता के अनुसार, यदि विनायक चतुर्थी के दिन गलती से चंद्र दर्शन हो जाएं तो व्यक्ति को "श्रीमद्भागवत" में वर्णित श्रीकृष्ण की स्यमंतक मणि कथा का पाठ करना या सुनना चाहिए. यह कथा सुनने या सुनाने से चंद्र दर्शन से होने वाले कलंक का प्रभाव समाप्त हो जाता है. इसके अलावा कुछ लोग इस दिन गणेश जी के मंत्र का जाप भी करते हैं.
गणेश चतुर्थी पर कब तक दिखेगा चंद्रमा?
गणेश चतुर्थी पर आज चंद्रास्त का समय रात 8 बजकर 55 मिनट तक बताया जा रहा है. ज्योतिषविदों की सलाह है कि 27 अगस्त को शाम या रात के समय घर से बाहर निकलने वालों को रात में चंद्र दर्शन से बचना चाहिए.