scorecardresearch
 

Santan Saptami 2020: जानें बच्चों की रक्षा और उन्नति के लिए कैसे रखा जाता है व्रत

संतान सप्तमी पर माता-पिता या दोनों में से कोई एक संतान सप्तमी का व्रत रखता है. संतान प्राप्ति, संतान की खुशहाली और समृद्धि के लिए यह व्रत किया जाता है. इस दिन भगवान शिव और माता पार्वती के आशीर्वाद से संतान को सुखों का प्राप्ति होती है.

Advertisement
X
संतान सप्तमी
संतान सप्तमी
स्टोरी हाइलाइट्स
  • माता-पिता या दोनों में से एक संतान सप्तमी का व्रत रखता है.
  • शिव और पार्वती के आशीर्वाद से संतान को सुखों का प्राप्ति होती है.

भाद्रपद माह की शुक्ल पक्ष की सप्तमी तिथि को संतान सप्तमी का व्रत किया जाता है. संतान सप्तमी का पर्व इस साल दो दिन 24 अगस्त और 25 अगस्त को मनाया जा रहा है. मत मंतातर के चलते मंगलवार, 25 अगस्त को भी ये व्रत रखा जा रहा है. इस दिन माता-पिता या दोनों में से कोई एक संतान सप्तमी का व्रत रखता है. संतान प्राप्ति, संतान की खुशहाली और समृद्धि के लिए यह व्रत किया जाता है. इस दिन भगवान शिव और माता पार्वती के आशीर्वाद से संतान को सुखों का प्राप्ति होती है.

संतान सप्तमी का व्रत कैसे रखें?
इस दिन सुबह ज्ल्दी उठकर स्नान करें और स्वच्छ कपड़े पहनें इसके बाद भगवान शिव और माता पार्वती की आराधना करें और व्रत का संकल्प लें. निराहार रहकर आपको शुद्धता के साथ पूजा का प्रसाद भी तैयार करना होगा. इसके लिए खीर-पूरी व गुड़ के 7 पुए या फिर 7 मीठी पूरी तैयार कर लें.

कैसे करें पूजा?
दोपहर के समय तक आपको यह पूजा कर लेनी चाहिए. पूजा के लिए धरती पर शिव-पार्वती की मूर्ति लगाकर चौकी सजाएं और नारियल के पत्तों के साथ कलश स्थापित करें. इसके बाद दीपक जलाएं और आरती की थाली में हल्दी, कुंकुम, चावल, कपूर, फूल, कलावा आदि अन्य सामग्री रख लें. संतान की रक्षा और उन्नति के लिए प्रार्थना करते हुए भगवान शिव को कलावा अर्पित करें.

पूजा करने के बाद धूप, दीप नेवैद्य अर्पित करें और संतान सप्तमी की कथा पढ़ें या सुनें. पूजा में कथा की पुस्तक का पूजन भी करें. अंत में व्रत खोलने के लिए पूजन में चढ़ाई गई मीठी सात पूरी या पुए खाएं और अपना व्रत खोलें.

Advertisement

 

Advertisement
Advertisement