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Ganesh Chaturthi 2023: कर्ज से मुक्ति दिलाएगी गजानन की ऐसी मूर्ति, स्थापना में न करें ये 5 गलतियां

Ganesh Chaturthi 2023: आज गणेश चतुर्थी है. ऐसी मान्यताएं हैं कि इस दिन भगवान गणेश धरती पर आकर अपने भक्तों की मनोकामनाएं पूरी करते हैं. गजानन गणेश चतुर्थी को धरती पर उतरते हैं और अनंत चतुर्दशी तक रहते हैं.

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Ganesh Chaturthi 2023: कर्जों से मुक्ति दिलाएगी गजानन की ऐसी मूर्ति, स्थापना में न करें ये 5 गलतियां
Ganesh Chaturthi 2023: कर्जों से मुक्ति दिलाएगी गजानन की ऐसी मूर्ति, स्थापना में न करें ये 5 गलतियां

Ganesh Chaturthi 2023: गणेश चतुर्थी का पर्व भाद्रपद शुक्ल चतुर्थी को मनाया जाता है. कहते हैं कि इसी दिन गणेश जी का प्राकट्य हुआ था. यह भी मान्यताएं हैं कि इस दिन भगवान गणेश धरती पर आकर अपने भक्तों की मनोकामनाएं पूरी करते हैं. गजानन गणेश चतुर्थी को धरती पर उतरते हैं और अनंत चतुर्दशी तक रहते हैं. इस दौरान भक्त उनकी प्रतिमा को घर में स्थापित करते हैं और पूरे 10 दिन तक उनकी विधिवत पूजा करते हैं.

गणपति की अलग-अलग मूर्तियों का महत्व
गणेश जी की अलग अलग मूर्तियां अलग-अलग तरह के परिणाम देती हैं. पीले और रक्त वर्ण की मूर्ति की उपासना सबसे ज्यादा शुभ मानी जाती है. नीले रंग के गणेश जी को 'उच्छिष्ट गणपति' कहते हैं. इनकी उपासना विशेष दशाओं में की जाती है. हल्दी से बनी या हल्दी लेपन की हुई मूर्ति 'हरिद्रा गणपति' कहलाती है. विशेष मनोकामनाओं के लिए इसका पूजन किया जाता है.

एकदंत गणपति श्याम वर्ण के होते हैं. इनकी उपासना से अदभुत पराक्रम की प्राप्ति होती है. सफेद रंग के गणपति को ऋणमोचन गणपति कहते हैं. इनकी उपासना से ऋणों से मुक्ति मिलती है. चार भुजाओं वाले लाल रंग के गणपति को 'संकष्टहरण गणपति' कहते हैं. इनकी उपासना से संकटों का नाश होता है. वहीं, त्रिनेत्रधारी, रक्तवर्ण और दस भुजाधारी गणेश 'महागणपति' कहलाते हैं. इनके अंदर समस्त गणपति समाहित होते हैं. घर में सामान्यतः पीले या लाल रंग के गणपति ही स्थापित करने चाहिए.

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गणपति स्थापना का मुहूर्त
गणपति की प्रतिमा शुभ मुहूर्त देखकर ही स्थापित करनी चाहिए. इससे पूजा का पूरा फल मिलता है. गणेश चतुर्थी पर बप्पा की स्थापना का मुहूर्त 19 सितंबर दिन मंगलवार को सुबह 11.07 बजे से दोपहर 01.34 बजे तक रहेगा. 19 सितंबर को सुबह 11.50 बजे से दोपहर 12.39 बजे तक अभिजीत मुहूर्त रहेगा. आप इस मुहूर्त में भी गणेश स्थापना कर सकते हैं.

कैसे करें गणेश जी की पूजा?
गणेश जी की प्रतिमा की स्थापना शुभ मुहूर्त में करें. पहले एक कलश भी स्थापित करें. फिर लकड़ी की चौकी पर पीले रंग का वस्त्र बिछाकर मूर्ति की स्थापना करें. दिनभर जलीय आहार ग्रहण करें या केवल फलाहार करें. शाम के समय गणेश जी की यथा शक्ति पूजा करें. घी का दीपक जलाएं. जितनी आपकी उम्र है, उतने लड्डुओं का भोग लगाएं.

इसके बाद गजानन को दूब अर्पित करें. गणेश जी के मंत्रों का जाप करें. इसके बाद चन्द्रमा को नीची दृष्टि से अर्घ्य दें, अन्यथा आपको अपयश मिल सकता है. अगर चन्द्र दर्शन हो गया है तो उसके दोष का उपचार कर लें. प्रसाद का वितरण करें तथा अन्न-वस्त्र का दान करें.

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