धनतेरस के दिन से दीपावली के दीप पर्व की शुरुआत हो जाती है. यह पंचदिवसीय उत्सव आरोग्य, धन-समृद्धि, शुभ-लाभ, वंश वृद्धि और परिवार की सुरक्षा और संबंधों में प्रगाढ़ता का है. धनतेरस का दिन, जिसे धन त्रयोदशी भी कहते हैं, मुख्य रूप से खरीदारी का दिन है. क्योंकि यह दिवाली की शुरुआत का दिन है, इसलिए दिवाली से संबंधित खरीदारी भी आज की जाती है. यह पूरी तरह से बाजार का उत्सव है.
इसलिए धनतेरस पर कुछ विशेष खरीदारी का चलन है, खासकर उन वस्तुओं का जो मां लक्ष्मी से जुड़ी होती हैं. मां लक्ष्मी से जुड़ी वस्तुओं में कौड़ी, कमलगट्टा, धनिया, गोमती चक्र, हल्दी की गांठ, झाड़ू और सोना-चांदी हैं, इन्हें धनतेरस के दिन खरीदना चाहिए, लेकिन इसके अलावा शुभ और शकुन विचार भी दिन के अनुसार माने जाते हैं और खास दिनों में कुछ चीजों की खरीदारी का निषेध बताया गया है.
झाड़ू और सरसों के तेल की खरीदारी
इनमें से एक है झाड़ू और दूसरा है सरसों का तेल. शनिवार को इन दोनों की खरीदारी का निषेध बताया गया है. इन्हें नहीं खरीदना चाहिए, चूंकि धनतेरस आज यानी शनिवार के दिन है, इसलिए जरूरी होते हुए भी इन्हें आज न खरीदें.
झाड़ू और सरसों के तेल की खरीदारी रविवार के दिन दोपहर से पहले कर लें. आज, 18 अक्टूबर 2025 की त्रयोदशी तिथि दोपहर 12:18 बजे शुरू होकर 19 अक्टूबर 2025 को दोपहर 1:51 बजे समाप्त होगी. इसलिए कल रविवार को भी कुछ वस्तुओं को खरीदा जा सकता है. धनतेरस में भी प्रदोष काल के होने का महत्व है, इसलिए मुख्य खरीदारी आज ही कर लें, सिर्फ झाड़ू और सरसों का तेल छोड़ दें.
झाड़ू को घर की साफ-सफाई और समृद्धि से जोड़ा जाता है. इसलिए इसे सही समय पर खरीदना और उपयोग करना घर की खुशहाली और धन-संपत्ति से संबंधित माना जाता है. झाड़ू को लक्ष्मी का प्रतीक माना गया है, और अगर इसे गलत दिन खरीदा जाए तो इससे घर की सुख-समृद्धि और भाग्य लक्ष्मी नाराज हो सकती हैं.
कब न खरीदें झाड़ू?
धार्मिक और ज्योतिषीय दृष्टि से देखा जाए तो सप्ताह के कुछ खास दिन ऐसे होते हैं, जब झाड़ू खरीदना अशुभ माना गया है. मान्यता है कि शनिवार और मंगलवार को झाड़ू खरीदने से घर में धन की हानि हो सकती है और परिवार में आर्थिक समस्याएं उत्पन्न हो सकती हैं. इस दिन झाड़ू खरीदने से घर की लक्ष्मी रूठकर चली जाती हैं, जिससे घर की समृद्धि में कमी आ जाती है. इसलिए, इन दोनों दिनों में झाड़ू खरीदने से बचना चाहिए.
इन दिनों को ज्योतिष शास्त्र में भी महत्वपूर्ण माना गया है, क्योंकि यह दिन शनि और मंगल ग्रह से जुड़े होते हैं, जो कर्म और संघर्ष का प्रतिनिधित्व करते हैं. इसलिए इन ग्रहों की अशुभता से बचने के लिए इन दिनों में झाड़ू न खरीदने की सलाह दी जाती है.
शुभ समय पर झाड़ू खरीदने से घर में सुख-समृद्धि और शांति आती है. ज्योतिष के अनुसार, बुधवार, गुरुवार और शुक्रवार को झाड़ू खरीदना सबसे शुभ माना जाता है. इन दिनों में झाड़ू खरीदने से घर में सकारात्मक ऊर्जा का प्रवाह होता है और भाग्य लक्ष्मी प्रसन्न होती हैं. यह न केवल आर्थिक समृद्धि लाती है बल्कि घर में सुख-शांति और स्वास्थ्य का भी वास होता है. साथ ही, झाड़ू का सही तरीके से उपयोग करने से घर की नकारात्मक ऊर्जा भी समाप्त हो जाती है और घर का वातावरण शुद्ध और सकारात्मक बना रहता है.
इसी तरह शनिवार के दिन सरसों के तेल की खरीदारी की मनाही है. सरसों का तेल शनि का प्रतीक होता है और इस दिन तेल का दान किया जाता है, न कि इसे खरीदा जाता है, लेकिन दिवाली के दीपक जलाने के लिए सरसों का तेल जरूरी है, इसलिए इसकी खरीदारी शनिवार यानी आज न करें.
आज शनि प्रदोष व्रत
आज धनतेरस के साथ शनि प्रदोष व्रत भी है. इसलिए आज शाम शनि देव को भी एक दीपक जलाकर अर्पित करें. वहीं महादेव की कृपा पाने के लिए उनके अरघा के सामने दीपक जलाकर रखें और उसमें कुछ काले तिल डाल दें. इससे अगर आप पर शनिदोष है तो उसका प्रभाव कम होने लगेगा. किसी बीमारी से पीड़ित हैं तो स्वास्थ्य लाभ होगा और कर्ज से भी छुटकारा मिलेगा.