हिंदू धर्म में अमावस्या की तिथि का विशेष महत्व होता है. हर साल कुल 12 अमावस्या की तिथि पड़ती है. आज चैत्र अमावस्या है. जो अमावस्या सोमवार के दिन पड़ती है उसे सोमवती अमावस्या भी कहते हैं. चैत्र अमावस्या के दिन पवित्र नदियों में स्नान करने और पितरों का श्राद्ध कर्म करने का खास विशेष महत्व होता है. अमावस्या के साथ चतुर्दशी तिथि पड़ने की वजह से इसे दर्श अमावस्या भी कहा जा रहा है. इस अमावस्या में चांद आसमान में बिलकुल भी दिखाई नहीं देता है.
चैत्र अमावस्या का धार्मिक महत्व
चैत्र अमावस्या के दिन पितरों का तर्पण करना, पितृ दोष के उपाय करना, पवित्र नदियों में स्नान करना और जरूरतमंदों को दान करना बहुत फलदाई होता है. धार्मिक मान्यताओं के अनुसार अमावस्या या सोमवती अमावस्या के दिन पवित्र नदियों में स्नान करने से भगवान विष्णु की कृपा हमेशा बनी रहती है. अमावस्या तिथि पर चंद्रमा की विधिवत पूजा करने से चंद्र देव का आशीर्वाद मिलता है और जीवन में हमेशा सुख समृद्धि बनी रहती है. सोमवती अमावस्या होने की वजह से आज आप शिव-पार्वती की पूजा कर उनकी कृपा भी प्राप्त कर सकते हैं.
चैत्र अमावस्या के दिन करें ये उपाय
पितरों की आत्मा की शांति के लिए चैत्र अमावस्या के दिन प्रात: स्नान करने के बाद सूर्यदेव को अर्घ्य अर्पित करें. इसके बाद सूर्य के मंत्र का जाप करें. मान्यता है कि ऐसा करने से पितृ प्रसन्न होते हैं साथ ही सभी पापों से मुक्ति मिलती है. इस दिन पीपल के पेड़ की पूजा करने की भी परंपरा है. मान्यता है कि पीपल के पेड़ में देवी-देवताओं का वास होता है. इसलिए चैत्र अमावस्या पीपल के पेड़ की फेरी लगाना शुभ माना जाता है.