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भरतपुर की धरती से निकला इतिहास का खजाना... महाभारत से मौर्य काल तक के अवशेष बरामद

राजस्थान के भरतपुर जिले के बहज गांव में पुरातत्व विभाग की खुदाई में महाभारत, मौर्य और शुंग काल के अवशेष मिले हैं. मूर्तियां, बर्तन, हथियार और एक नर कंकाल बरामद हुआ है, जिसे जांच के लिए इजराइल भेजा गया है. कुछ अवशेष जयपुर भेजे गए हैं, जबकि कुछ डीग जल महल संग्रहालय में प्रदर्शित हैं. खुदाई अब भी जारी है.

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खुदाई में 2700 साल पुरानी सभ्यता उजागर.
खुदाई में 2700 साल पुरानी सभ्यता उजागर.

राजस्थान के भरतपुर जिले में इतिहास से जुड़ी एक बड़ी खोज सामने आई है. भरतपुर मुख्यालय से करीब 40 किलोमीटर दूर डीग तहसील के ऐतिहासिक बहज गांव में पुरातत्व विभाग की खुदाई में महाभारत, मौर्य और शुंग काल से जुड़े अनेक महत्वपूर्ण अवशेष मिले हैं.

भारतीय पुरातत्व विभाग को यहां मिट्टी के बर्तन, मूर्तियां, धातु के हथियार और एक नर कंकाल मिला है, जिससे यह क्षेत्र एक अत्यंत प्राचीन सभ्यता का केंद्र माना जा रहा है.

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जानकारी के मुताबिक, खुदाई का काम जनवरी 2025 से राजस्थान राज्य पुरातत्व विभाग द्वारा केंद्र सरकार की अनुमति मिलने के बाद शुरू किया गया था. विभाग के निदेशक डॉ. विनय गुप्ता के अनुसार, यहां से मिली मूर्तियों और अन्य साक्ष्यों को जयपुर भेजा गया है, जबकि कुछ अवशेष डीग जल महल स्थित संग्रहालय में आम जनता के लिए प्रदर्शित किए गए हैं.

भरतपुर

खास बात यह है कि खुदाई में मिले नर कंकाल को वैज्ञानिक परीक्षण के लिए इजराइल भेजा गया है, जिससे उसकी उम्र और सभ्यता की समयावधि का सटीक निर्धारण किया जा सके. विशेषज्ञों का अनुमान है कि ये साक्ष्य लगभग 2500 से 2700 साल पुराने हो सकते हैं.

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भरतपुर

बहज गांव उत्तर प्रदेश की मथुरा सीमा से सटा हुआ है और यह क्षेत्र बृज की 84 कोस परिक्रमा में आता है. यह वही पवित्र भूमि है जो भगवान श्रीकृष्ण की लीलाओं के लिए प्रसिद्ध रही है.

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इससे पहले 1961 से 1963 के बीच नौह गांव में भी इसी तरह की खुदाई हुई थी. विभाग को उम्मीद है कि बहज में चल रही खुदाई से और भी प्राचीन सभ्यताओं के प्रमाण सामने आ सकते हैं.

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