चित्तौड़गढ़ के प्रसिद्ध कृष्णधाम श्रीसांवलिया सेठ मंदिर में इस बार दान में प्राप्त राशि ने पिछले सारे रिकॉर्ड तोड़ दिए हैं. मंगलवार को चौथे चरण की गणना पूरी होने तक मंदिर के भंडार में कुल 36 करोड़ 13 लाख 60 हजार रुपये निकले. यह राशि पिछले वर्ष दीपावली के बाद खोले गए दो महीने के भंडार में प्राप्त 34 करोड़ 91 लाख 95 हजार रुपये की रिकॉर्ड राशि से भी अधिक है.
मंदिर में मंगलवार की सुबह राजभोग आरती के बाद भंडार की गणना फिर से शुरू हुई. चौथे चरण में देर शाम तक चली गिनती में 8 करोड़ 15 लाख 80 हजार रुपये का दान सामने आया. भंडार को 19 नवंबर को खोला गया था. उसी दिन पहले चरण की गणना में 12 करोड़ 35 लाख रुपये प्राप्त हुए थे.
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20 नवंबर को अमावस्या होने के कारण गणना नहीं हो सकी. इसके बाद 21 नवंबर को दूसरे चरण की गिनती हुई, जिसमें 8 करोड़ 54 लाख रुपये प्राप्त हुए. 22 और 23 नवंबर को मंदिर में भीड़ अधिक होने के कारण गणना रोक दी गई थी. सोमवार को तीसरे चरण की गणना की गई और इसमें 7 करोड़ 8 लाख 80 हजार रुपये की राशि सामने आई.
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चारों चरण की गणना को जोड़ने पर कुल राशि 36 करोड़ 13 लाख 60 हजार रुपये हुई. इस बार भंडार को दीपावली से एक दिन पहले आने वाली चतुर्दशी पर नहीं खोला गया. सामान्य तौर पर हर महीने चतुर्दशी के दिन भंडार खोला जाता है. इस बार भंडार को दो महीने बाद खोला गया और गणना के दौरान भक्तों की अपार श्रद्धा और उत्साह देखने को मिला.
मंदिर प्रशासन के अनुसार, अभी भी दान राशि के साथ मंदिर में प्राप्त सोने और चांदी के आभूषणों का तौल करना शेष है. भक्तों द्वारा भगवान सावलिया सेठ के प्रति दी गई यह विशाल राशि उनकी अटूट श्रद्धा और भक्ति का प्रतीक है.
मंदिर में भंडार की गिनती का क्रम व्यवस्थित ढंग से किया गया. हर चरण में अलग-अलग टीमों ने नोटों की गिनती की और प्रत्येक चरण का रिकॉर्ड सुरक्षित रखा गया. इस बार प्राप्त राशि पिछले साल से अधिक रही. मंदिर प्रशासन ने कहा कि इस बार की रिकॉर्ड राशि दर्शाती है कि भगवान सावलिया सेठ के प्रति लोगों की श्रद्धा बढ़ रही है. स्थानीय भक्तों और प्रशासन ने इस विशाल राशि के प्रबंधन के लिए विशेष व्यवस्था की है.