भारतीय रेलवे ने राजस्थान के जैसलमेर रेलवे स्टेशन का 140 करोड़ रुपये की लागत से पुनर्विकास कार्य पूरा कर दिया है. यह प्रोजेक्ट शहर की समृद्ध विरासत को आधुनिक सुविधाओं से जोड़ने के मकसद से तैयार किया गया है. स्टेशन की नई इमारत में स्थानीय पीले बलुआ पत्थर और पारंपरिक राजस्थानी डिजाइनों का उपयोग किया गया है.
यात्रियों को बेहतर अनुभव देने के लिए स्टेशन पर लिफ्ट, एस्केलेटर और फुट ओवर ब्रिज जैसी सुविधाएं स्थापित की गई हैं.
प्रशासन ने स्टेशन परिसर के अंदर बेहतर पार्किंग और डिजिटल इन्फॉर्मेशन सिस्टम के जरिए यातायात को सुगम बनाने की कोशिश की है.
विरासत और आधुनिकता का संगम
जैसलमेर स्टेशन का नया स्वरूप स्थानीय संस्कृति की झलक पेश करता है. यहां पीले बलुआ पत्थर का उपयोग कर रेगिस्तानी विरासत को जीवंत किया गया है. इसके साथ ही आधुनिक तकनीक को शामिल किया गया है, जिससे यात्रियों को कुशलता और आराम मिल सके. स्टेशन की बनावट पारंपरिक सुंदरता और समकालीन सुख-सुविधाओं का मिश्रण है. स्टेशन पर उतरते ही पर्यटकों को शहर के इतिहास का अहसास होगा.
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यात्रियों के लिए हाई-टेक सुविधाएं
स्टेशन पर फूड कोर्ट, आधुनिक प्रतीक्षालय और स्वच्छ शौचालयों का निर्माण किया गया है. लिफ्ट, एस्केलेटर और फुट ओवर ब्रिज से यात्रियों की आवाजाही सुगम होगी. बेहतर लाइटिंग, क्लॉक रूम और स्पष्ट साइनबोर्ड से सफर आरामदायक बनेगा. डिजिटल यात्री सूचना प्रणाली ट्रेनों की सटीक जानकारी देगी. बेहतर पार्किंग सुविधा उन यात्रियों के लिए फायदेमंद होगी जो अपने निजी वाहनों से स्टेशन पहुंच रहे हैं.