चुनाव आयोग के विशेष गहन पुनरीक्षण (SIR) अभियान को लेकर सबसे ज्यादा परेशानी राजस्थान के रेतीले इलाकों से आ रही है. बाड़मेर जिले के सीमावर्ती इलाकों में रेत के धोरों में दूर - दूर तक गांवों और ढाणी में बसे वोटर्स को ढूंढने के लिए बीएलओ को चुनौतियों के साथ वक्त भी अधिक लग रहा है. बीएलओ और साथियों का मनोबल बढ़ाने के लिए अब उपखंड अधिकारी (SDM) ने भी कमान संभाल ली है.
चुनाव आयोग द्वारा निर्धारित समय में कार्य संपादन हो सके. इसके लिए एसडीएम बद्रीनारायण विश्नोई स्वयं ऊंट पर बैठकर वोटर्स के घर पहुंचे. इन इलाकों में बीएलओ भी कैमल राइड के जरिए ही वोटर्स तक पहुंचते है. गांव और ढाणियों के बीच दूरी ज्यादा होने के कारण कई बार तो बीएलओ रात में ढाणियों में ही रुकना पड़ रहा है.
एसडीएम बद्रीनारायण विश्नोई के मुताबिक बॉर्डर इलाके के गांव बावरवाला में मैं ऊंट पर बैठकर करीब 2 किलोमीटर तक आसपास के गांव ढाणियों में टीम के साथ पहुंचा. यहां लोगों के घर काफी दूर- दूर हैं. जानकारी के अभाव के कारण उन्होंने ग्रामीणों को एसआईआर के बारे में भी बताया. उनके दस्तावेजों के साथ फिजिकल सत्यापन भी किया और एसआईआर क्या है और क्यों जरूरी है. इसके लिया भी जागरूक किया.