राजस्थान के अलवर जिले के खेड़ली कस्बे में शनिवार को सीवर लाइन की सफाई के दौरान दो सफाईकर्मियों की मौत हो गई. घटना के बाद वाल्मीकि समाज ने उग्र विरोध प्रदर्शन कर दोषियों पर कार्रवाई और मुआवजे की मांग की. वहीं, मृतकों के परिजनों ने शव का पोस्टमार्टम कराने से इनकार कर दिया है.
दरअसल, खेड़ली कस्बे के समीप स्थित नवकार वाटिका नामक निजी सोसाइटी में सीवरेज लाइन ब्लॉक हो गई थी. ब्लॉकेज हटाने के लिए चार सफाईकर्मियों को बुलाया गया. इनमें से दो मजदूर 50 वर्षीय लच्छी वाल्मीकि और 18 वर्षीय आकाश उर्फ हेमराज वाल्मीकि सीवर में सफाई के लिए उतरे. कुछ देर तक बाहर कोई हलचल न सुनने पर उनके दो साथियों ने देखा तो दोनों अंदर अचेत पड़े थे.
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वाल्मीकि समाज का आक्रोश
आनन-फानन में उन्हें बाहर निकालकर खेड़ली के उप-जिला अस्पताल ले जाया गया, जहां डॉक्टरों ने दोनों को मृत घोषित कर दिया. इस हादसे की खबर जैसे ही मृतकों के परिजनों और वाल्मीकि समाज के लोगों को मिली, बड़ी संख्या में लोग अस्पताल पहुंच गए. उन्होंने शवों का पोस्टमार्टम कराने से इनकार कर दिया और सरकारी मुआवजे की मांग करते हुए धरना प्रदर्शन शुरू कर दिया.
भीड़ ने खेड़ली के हिंडौन सड़क मार्ग को भी जाम कर दिया, जिससे यातायात बाधित हुआ. समाज के लोग दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई, मृतकों के परिवार को सरकारी नौकरी और आर्थिक सहायता की मांग कर रहे हैं. घटना की सूचना मिलते ही पुलिस प्रशासन मौके पर पहुंचा. हालांकि, अब तक इस मामले में किसी भी जिम्मेदार पर कार्रवाई नहीं हुई है. पुलिस ने बताया कि नवकार वाटिका एक निजी सोसाइटी है, जिसने सफाई कार्य के लिए निजी तौर पर श्रमिकों को बुलाया था.