उत्तर प्रदेश के लखीमपुर में 8 जानें गई हैं. मरने वालों में 4 किसान प्रदर्शनकारी हैं, एक गाड़ी का ड्राइवर है और बाकी बीजेपी कार्यकर्ता हैं. इस हिंसक कांड में दोष किसका है, ये तो जांच का विषय है लेकिन जो परिस्थिति बनी वो सामान्य नहीं है. किसान आंदोलन के कंधे पर क्या सियासत की बंदूक चलायी गई? या फिर किसान आंदोलन बेकाबू हो चला है? या फिर जैसा कि संयुक्त किसान मोर्चा समेत विपक्षी दलों का आरोप है कि सत्ता के नशे में चूर होकर व्यवस्था ने किसानों को रौंद दिया ? इसीलिए, लखीमपुर कांड के हर एक पहलू को जांचने-परखने और समझने की जरूरत है. देखें खबरदार.