विपक्ष के हंगामे और सहयोगियों की तरफ से लगातर पड़ रहे दबाव के आगे सरकार ने आखिरकार हथियार डाल दिया. अब तय यह हुआ है कि लोकसभा में बिल लाने से पहले कांग्रेस सभी दलों के साथ राय-मशविरा करेगी. यानी कम से कम कुछ दिनों के लिए तो बिल ठंडे बस्ते में चला ही गया है.