अमेरिका ने ईरान के परमाणु ठिकानों पर हमला किया, जिसके जवाब में ईरान ने इजराइल और कतर के दोहा स्थित अमेरिकी सैन्य बेस पर मिसाइलें दागीं. रूस ने ईरान का समर्थन करते हुए कहा कि सत्ता परिवर्तन का फैसला ईरान की जनता करेगी, कोई दूसरा देश नहीं.