इसे सियासत की मजबूरी कहें या राजनीति की फितरत. चुनाव सामने आते ही मुद्दे खोज खोजकर शुरु हो जाती है कीचड़ उछालने की कोशिश, कमियां गिनाने की कोशिश. ताजा मामले में आमने सामने है कांग्रेस औऱ बीजेपी और मसला है. संसद हमले के दोषी अफजल गुरु की फांसी का. राष्ट्रपति प्रतिभा देवी सिंह पाटील ने फांसी के दो दोषियों की दया याचिका खारिज की तो मांग उठने लगी को अफजल गुरु को भी फांसी दी जानी चाहिए. अफजल पर वोट बैंक की राजनीति नहीं होनी चाहिए.