पश्चिम बंगाल के पंचायत चुनाव खत्म हो चुके हैं, लेकिन चुनावी हिंसा अब भी खत्म नहीं हुई है. बीजेपी और लेफ्ट ने ममता बनर्जी की पार्टी पर बड़ा आरोप लगाया है कि उनके कार्यकर्ताओं के खौफ की वजह से चुनाव जीतने वाले बीजेपी और लेफ्ट के कई उम्मीदवार अपने घरों को वापस नहीं जा पा रहे हैं. बीजेपी और लेफ्ट का आरोप है कि टीएमसी कार्यकर्ताओं ने कई इलाकों में, उनको वोट न देने वाले लोगों से मारपीट की है. बीजेपी और लेफ्ट से चुनाव जीतने वाले उम्मीदवारों का आरोप है कि टीएमसी के कार्यकर्ताओं ने उनके साथ मारपीट की, उन्हें अपनी तरफ मिल जाने का दबाव बनाया और ऐसा नहीं करने पर नतीजे भुगतने की धमकियां भी दी जा रही हैं. बीजेपी नेताओं के मुताबिक उनके कम से कम 100 जीते हुए उम्मीदवार पार्टी दफ्तरों में छुप कर रहने को मजबूर हैं. इन लोगों ने पुलिस पर भी राज्य की टीएमसी सरकार के दबाव में काम करने का आरोप लगाया है. हालांकि टीएमसी के बडे नेता इन सब आरोपों से इंकार कर रहे हैं. लेकिन आज तक पर हम आपको दिखा रहे हैं प. बंगाल के द. चौबीस परगना, मालदा और दिनाजपुर से एक्स्क्लूसिव ग्राउंड रिपोर्ट. जिसके बाद ये सवाल पूछना ज़रूरी हो जाता है कि प. बंगाल में खून की राजनीति हो रही है या राजनीति का खून हो रहा है ?