पूर्व राष्ट्रपति प्रणव मुखर्जी आरएसएस के कार्यक्रम में हिस्सा लेंगे. 7 जून को नागपुर में होने वाले संघ के सालाना कार्यक्रम में प्रणब मुखर्जी भाषण भी देंगे और आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत के साथ एक मंच पर भी बैठेंगे. संघ के कार्ड पर प्रणब मुखर्जी का नाम छपते ही, कांग्रेस के नेताओं की आंखें लाल हो गई हैं. भले ही खुल कर कांग्रेस ने औपचारिक तौर पर प्रणब मुखर्जी का विरोध न किया हो, लेकिन कांग्रेस के नेताओं ने पूर्व राष्ट्रपति के नागपुर जाने पर उंगली उठाई है. कांग्रेस के नेताओं का गुस्सा जायज़ है, खासकर तब जब कि पार्टी के अध्यक्ष राहुल गांधी आरएसएस की मानहानि के आरोप में मुकदमा लड़ रहे हैं. सवाल उठ रहे हैं कि क्या संघ के बारे में प्रणब मुखर्जी और कांग्रेस के विचार बदल गए हैं ? दिसंबर 2010 में कांग्रेस के बुराड़ी अधिवेशन में, उस वक्त के वित्त मंत्री और कांग्रेस के नेता प्रणब मुखर्जी ने आरएसएस के खिलाफ़ प्रस्ताव पेश किया था. प्रणब मुखर्जी के लाए प्रस्ताव का कांग्रेस महासचिव दिग्विजय सिंह ने समर्थन किया था.