बिहार की राजनीति गठबंधनों और जातिगत समीकरणों के जटिल मायाजाल में लिपटी है. कुछ जानकारों का मानना है कि चिराग की महत्वाकांक्षा सीएम बनने की है. अगर एनडीए में रहते हुए यह महत्वाकांक्षा पूरी नहीं होती है तो वह अलग रास्ते पर चल सकते हैं. अगर ऐसा चिराग करते हैं तो इस फैसले से न केवल एनडीए, बल्कि महागठबंधन और अन्य छोटे दलों के समीकरण भी प्रभावित हो सकते हैं.