महाराष्ट्र के कार्यवाहक मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने प्रेस कान्फ्रेंस करके बता दिया है कि उन्हें महाराष्ट्र में बीजेपी का सीएम मंजूर है. मंगलवार को ही उन्होंने पोस्ट करके कुछ संकेत दे दिए थे. पर बुधवार सुबह से अचानक ऐसी खबरें आने लगीं कि एकनाथ शिंदे किसी भी कीमत पर डिप्टी सीएम पद के लिए नहीं मानेंगे. शिवसैनिक खुलकर उनको सीएम बनाए जाने की मांग करने लगे. पर 3 बजते-बजते एकनाथ शिंदे ने खुद ही पब्लिक के सामने आकर कहा कि हम लोग काम करने वाले लोग हैं. महाराष्ट्र के विकास के लिए वो कुछ भी करने को तैयार रहेंगे. उन्होंने कहा कि गृह मंत्री अमित शाह और पीएम नरेंद्र मोदी उनके पीछे हमेशा खड़े रहे हैं . मुझे उनका हर फैसला मंजूर है. पर सवाल उठता है कि यह फैसला करने में 4 दिन क्यों लग गया? क्या एकनाथ शिंदे की ओर से मोलभाव हो रहा था. इसमें कोई दो राय नहीं हो सकती कि एकनाथ शिंदे यूं ही प्रदेश के मुख्यमंत्री का पद नहीं छोड़ने को तैयार हुए होंगे. आइये देखते हैं कि उन्हें क्या-क्या मिल सकता है...
1- बेटे को उपमुख्यमंत्री और खुद को महायुति सरकार का संयोजक
माना जा रहा है कि उद्धव ठाकरे और आदित्य ठाकरे को संदेश देने के लिए एकनाथ शिंदे चाहते हैं कि उनके बेटे श्रीकांत शिंदे को प्रदेश में डिप्टी सीएम का पद दिया जाए.श्रीकांत शिंदे दूसरी बार सांसद बने हैं. श्रीकांत शिंदे कल्याण से लोकसभा सदस्य हैं. एकनाथ शिंदे ने कथित तौर पर बीजेपी के शीर्ष नेतृत्व से कहा कि अगर उन्हें मुख्यमंत्री नहीं बनाया जाता है, तो उन्हें महायुति सरकार का संयोजक बनाया जाना चाहिए. क्योंकि चुनाव उनके नेतृत्व में लड़ा गया था. हालांकि बीजेपी की ओर से अभी तक इन मांगों के बारे में कोई सकारात्मक जवाब नहीं आया है. पर सूत्रों का कहना है कि अभी तक सीएम पद के नाम की घोषणा करने में जो देरी हो रही थी वो इस मोलभाव के चलते ही थी.
2- गृहमंत्री के साथ ढेर सारे मलाईदार मंत्रालय
अब तय हो गया है कि एकनाथ शिंदे सीएम नहीं बन रहे हैं तो फिर वो महाराष्ट्र सरकार में ऐसा कोई पोर्टफोलियो चाहेंगे जो मुख्यमंत्री से अधिक न हो पर उसी तरह का हो. इसके लिए एक रास्ता यह है कि यूपीए चेयरपरसन सोनिया गांधी की तरह महायुति संयोजक का कोई पद बनाया जाए. हालांकि यह पद केवल दिखावे के लिए ही होगा पर आज शिंदे को अपने समर्थकों के बीच अपनी साख बनाए रखने के लिए बहुत जरूरी होगा. राजनीतिक गलियारों में यह भी कहा जा रहा है कि एकनाथ शिंदे ने सरकार में बड़े पद की मांग की है. अगर एकनाथ शिंदे खुद डिप्टी सीएम बनते हैं तो उन्हें गृह मंत्रालय जरूर चाहिए. महाराष्ट्र में गृह मंत्रालय का पद बहुत महत्वपूर्ण हो जाता है. आज की तारीख में कोई भी मुख्यमंत्री बिना गृहमंत्रालय के सीएम नहीं बनना चाहता है. उत्तर प्रदेश में योगी आदित्यनाथ जैसे ताकतवर सीएम भी गृहमंत्रालय अपने पास रखे हुए हैं. पिछली महाराष्ट्र सरकार में देवेंद्र फणडवीस ने भी होम मिनिस्ट्री खुद अपने पास रखी थी. इसके साथ ही अन्य मंत्रियों के लिए भी सरकार के मलाईदार मंत्रालय शिंदे को इस कुर्बानी के बदले मिल सकते हैं.
3-बीएमसी चा राजा शिवसेना का
मुंबई नगर निगम का बजट और ताकत किसी भी राज्य की सरकार से कम नहीं होता है. बीएमसी पर राज करने करने वाला ही सही मायने में मुंबई का राजा होता है. मुंबई में शिवसेना अपने साथी अन्य पार्टियों के मुकाबले सबसे अधिक मजबूत भी है. हो सकता है कि बीएमसी का राजा बनाने के नाम पर अभी समझौता हो जाए कि नगर निगम का चुनाव जीतने पर मुंबई का राजा बनने की बीजेपी कोशिश नहीं करेगी.
4-केंद्र में कोई बढ़िया मंत्रालय, जैसे शिवराज को मप्र सीएम पद के बदले मिला
महिलाओं को हर महीने पेंशन देकर मध्य प्रदेश में चौथी बार भारतीय जनता पार्टी को जीत दिलाने वाले शिवराज सिंह चौहान को जिस सम्मानित तरीके से केंद्र में स्थापित किया गया वैसा ही कुछ एकनाथ शिंदे के साथ भी किया जाए. मध्यप्रेदश का चुनाव जीतने पर एकनाथ शिंदे की तरह शिवराज सिंह चौहान ने भी पीसी करके अपने को प्रदेश का मामा घोषित किया था. उन्होंने भी यही यकीन दिलाया था कि मध्य प्रदेश की जीत में महिला सम्मान योजनाओं का बड़ा हाथ रहा है. इसके साथ ही उन्होंने पीसी करके पीएम मोदी में अपनी आस्था जताई थी. एकनाथ शिंद ने भी काफी कुछ वैसा ही किया है. संभव है कि शिवराज सिंह चौहान जैसा कोई सम्मानित जगह केंद्रीय मंत्रिमंडल में शिंदे के लिए फिक्स कर दिया गया है.