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राजा रघुवंशी की हत्‍या के बजाय आसान ऑप्‍शन भी तो थे सोनम के पास

अब तक रघुवंशी परिवार के जो विडियो आएं हैं उन्हें देखकर तो ये बात तो सही लग रही है कि सोनम अपनी शादी से खुश नहीं थी. पर वह इतनी बेवकूफ नहीं लग रही है कि अपनी पति की हत्या कराकर जेल चली जाए. आखिर क्‍या हांसिल हुआ उसे ऐसा करके?

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राजा रघुवंशी हत्याकांड, पुलिस की थियरी में झोल ही झोल
राजा रघुवंशी हत्याकांड, पुलिस की थियरी में झोल ही झोल

राजा रघुवंशी हत्याकांड में मेघालय पुलिस की थियरी के अनुसार, सोनम रघुवंशी ने अपने पति की हत्या की साजिश रची, जिसके पीछे कथित प्रेम संबंध को कारण बताया गया है. हालांकि अभी तक पुलिस जिस थियरी पर चल रही है उसमें बहुत से झोल नजर आ रहे हैं. सबसे बड़ा सवाल यही है कि हत्या का मोटिव क्लियर नहीं हो रहा है. असल सवाल यह है कि सोनम रघुवंशी ने अगर हत्या की उसने इतना बड़ा कदम क्यों उठाया? जबकि उसके पास कई आसान रास्ते थे.

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क्योंकि हत्या का रास्ता चुनना सोनम जैसी लड़की के लिए तार्किक नहीं लगता. एक हत्‍या करने के लिए जितनी हिम्‍मत चाहिये उससे कम में वो ज्‍यादा सरलता से दूसरे विकल्‍प भी चुन सकती थी. कम से कम ऐसी जिससे राजा की जान नहीं जाती. और उससे भी बड़ा सवाल यह भी है कि आखिर वो इस जंजाल में क्यों फंसी? जबकि वह जानती थी कि यह रास्ता उसे जेल की सलाखों में ले जाएगा. आम तौर पर अगर हत्यारा सनकी या कोई मानसिक रोगी नहीं है तो तो हत्या के पीछे कोई ऐसा कारण होता है जिसका कोई विकल्प नहीं होता है. जाहिर है कि सोनम रघुवंशी कम से कम पागल या सनकी तो नहीं लग रही है. ये बात तो सही लग रही है कि वह शादी से खुश नहीं थी. पर इतनी बेवकूफ नहीं लग रही है कि अपनी पति की हत्या कराकर जेल चली जाए. आखिर, ऐसा कौन सा शैतान सिर चढ़ जाता है जो सोनम जैसे लोग हैवान बनने को उतारू हो जाते हैं जबकि उनके सामने आसान रास्ते मौजूद होते हैं.

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1-माता-पिता को शादी से मना कर सकती थी

सोनम के पास सबसे पहला विकल्प अपने परिवार से मदद मांगना था. सोनम अपने परिवार, खासकर पिता देवी सिंह, से मदद मांग सकती थी. उनके पिता एक व्यवसायी हैं और राज कुशवाहा उनका कर्मचारी था. अगर सोनम को शादी में कोई समस्या थी, तो वह अपने परिवार के साथ खुलकर बात कर सकती थी. मान लीजिए कि सोनम की बात घर में नहीं मानी जा रही थी तो अपने घर में बगावत कर सकती थी.
जिस तरह सोनम के पिता ने पुलिस की थियरी को खारिज किया और सोनम की निर्दोष होने का दावा किया है , उससे तो यही पता चलता है कि उनका परिवार सपोर्टिव था. अगर सोनम को राजा के साथ रहना पसंद नहीं था, तो वह परिवार के साथ मिलकर कोई हल निकाल सकती थी, जैसे शादी रद्द करना या अलग होना.

पर पितृसत्तात्मक समाजों में लड़की की बात मानी जाएगी इसकी संभावना कम ही रहती है.  परिवार की सहमति से शादी होने के कारण, सामाजिक और पारिवारिक दबाव भी रहता है. देखा जाए तो यह दबाव ही एक स्वस्थ समाज बनाने के लिए काम करता है. दूसरी तरफ जब यह दबाव आवश्यकता से अधिक बढ़ जाता है तो बगावत और विध्वंस का कारण बनता है. सोनम जिस तरह के परिवार से आती है उससे तो यही लगता है कि सोनम के ऊपर समाज का दबाव इतना था कि वो हत्या जैसा कदम उठकार पूरे परिवार की मर्यादा को सरे बाजार नीलाम नहीं करवाती.  

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2-माता-पिता को नहीं तो होने वाले ससुराल पक्ष को संदेश भेज सकती थी

सोनम की ससुराल के लोग जिस तरह उसके साथ ट्रीट कर रहे हैं उससे तो यही लगता है कि वो लोग अभी अपनी बहू को खूब प्यार दे रहे थे. बल्कि सोनम ही उनसे दिखावटी प्यार कर रही थी. जिस तरह की बातें राज रघुवंशी का परिवार बता रहा है उससे तो यही लगता है. विडियो भी जो सामने आए हैं उससे यही लग रहा है कि सोनम की खूब आवभगत हो रही है. उसका ख्याल रखा जा रहा है.  सोनम एक पढ़ी लिखी लड़की है उसे अपने ससुराल में अपने प्यार के बारे में बताकर अलग होने की कोशिश करनी चाहिए थी. जाहिर है कि इस फैसले में हत्या के मुकाबले परिवार की इज्जत उछलने का रिस्क बहुत कम था. आजकल तमाम ऐसी खबरें आईं हैं जिनमें पति ने खुद आगे बढ़कर अपनी पत्नियों की शादी उनके प्रेमियों से कराई है. 

3-ससुराल न सही, राजा से ही अपने मन की बात कह देती

अगर पुलिस की थियरी सही है कि सोनम का राज कुशवाहा के साथ प्रेम संबंध था, तो वह राजा को छोड़कर राज कुशवाहा के साथ जा सकती थी. हर दिन तमाम ऐसी खबरें आती हैं जहां शादी-शुदा लोग अपने प्रेमी/प्रेमिका के साथ भाग जाते हैं.जाहिर है कि भाग जाना हत्या की तुलना में कम जोखिम भरा और सरल विकल्प था. सोनम और राज कुशवाहा जो उसके पिता की ही फर्म में काम करता था मिलकर कहीं और नई शुरुआत कर सकते थे. गहनों को बेचकर भी वे आर्थिक रूप से स्थिर हो सकते थे. 

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4-यदि वह राजा के साथ शादी से इतनी ही नाखुश थी तो तलाक के लिए कह सकती थी

अगर सोनम का राजा के साथ रिश्ता नहीं चल रहा था या वह कथित प्रेमी राज कुशवाहा के साथ रहना चाहती थी, तो वह तलाक की मांग कर सकती थी. भारत में तलाक के लिए कानूनी प्रक्रिया उपलब्ध है, और यह हत्या की तुलना में कहीं अधिक सुरक्षित और कम जोखिम वाला रास्ता था. आजकल तलाक लेना भी पहले के मुकाबले आसान हो गया है. दोनों पक्षों की सहमति पर तो और भी आसानी से तलाक हो जाता है. उनकी शादी को केवल सात दिन हुए थे और यह एक अरेंज्ड मैरिज थी. अगर सोनम को शादी से असंतोष था, तो वह अपने परिवार के समर्थन न मिलने के बावजूद अकेले यह फैसला कर सकती थी. बाद में परिवार साथ आ ही जाता है. तलाक की प्रक्रिया में समय लगता है पर यह हत्या की तुलना में कहीं अधिक सुरक्षित रास्ता था सोनम के लिए.

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