बिहार विधानसभा चुनाव से करीब तीन महीने पहले लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी सासाराम से वोटर अधिकार यात्रा पर निकले हैं. शुरुआत तो धांसू ही लग रही है. मंच पर तेजस्वी यादव के साथ लालू यादव भी पहुंचते हैं, और सहयोगी दलों के नेता भी - और सभी अपने अपने तरीके से चुनाव आयोग पर बिहार में SIR के माध्यम से वोट-चोरी का मुद्दा उठाकर हल्ला बोल रहे हैं.
बताया जा रहा है कि राहुल गांधी बिहार के 25 जिलों को 15 दिन में कवर करने निकल पड़े हैं. और, इस दौरान तेजस्वी यादव के भी उनके साथ यात्रा में मौजूद रहने की बात कही जा रही है. कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे और आरजेडी नेता लालू यादव ने राहुल गांधी की यात्रा को रवाना किया है. मल्लिकार्जुन खड़गे, लालू यादव, तेजस्वी यादव, वीआईपी नेता मुकेश सहनी, सीपीआई-एमएल नेता दीपांकर भट्टाचार्य सहित इंडिया ब्लॉक (बिहार में महागठबंधन) के नेता भी फिलहाल एकजुट नजर आ रहे हैं.
कोशिश तो कांग्रेस की तरफ से सहयोगी दलों को साथ रखने की ही लग रही है, लेकिन ये कोशिश कब तक और कहां तक रंग लाती रहेगी, लेकिन ट्रैक रिकॉर्ड को देखते हुए ये सवाल भी अभी तक खत्म नहीं हो सका है.
बिहार में 'वोटर अधिकार यात्रा'
लोकसभा चुनाव से पहले लालू यादव ने पटना में कहा था, आप दूल्हा बनिये... हम बाराती बनेंगे. बिहार में ऐसा वो बिल्कुल नहीं चाहते. फिर भी सासाराम पहुंचते हैं. राहुल गांधी कहीं महफिल न लूट ले जायें, और तेजस्वी यादव हाथ पर हाथ धरे बैठे रहें. लालू यादव को ये डर तो है ही. क्योंकि, जाने कब राहुल गांधी अपने पर आ जाएं, और तेजस्वी के सामने कन्हैया कुमार और पप्पू यादव को लाकर खड़ा कर दें. फील्ड में तो तेजस्वी यादव को ऐसी बातों की परवाह नहीं ही होगी, लेकिन पर सब मेंटेन करना मुश्किल होता है.
जैसे एक बार दिल्ली में राहुल गांधी के साथ लंच के बाद तेजस्वी यादव ने फोटो शेयर करते हुए मुलाकात का महत्व समझाया था, वोटर अधिकार यात्रा की शुरुआत में अपने भाषण में तेजस्वी यादव ने मल्लिकार्जुन खरगे को अपना अभिभावक, और राहुल गांधी को बड़ा भाई बताया है. बताने को तो कल तल नीतीश कुमार भी चाचा थे, और वो भी तेजस्वी को बिहार का भविष्य बता रहे थे.
सासाराम में महागठबंधन के मंच से राहुल गांधी ने अपना हालिया आरोप दोहराते हैं, वोट-चोरी करके बीजेपी लोकसभा और विधानसभा के चुनाव जीत रही है. फिर लोगों को समझाने की कोशिश भी करते हैं, SIR के जरिये अब बिहार में भी वोटों की चोरी के प्रयास हो रहे हैं. और लगे हाथ भरोसा भी दिलाते हैं, हम ऐसा नहीं होने देंगे. राहुल गांधी महाराष्ट्र से लेकर कर्नाटक के केस स्टडी तक बारी बारी अपने सारे इल्जाम दोहराते हैं, और बीजेपी को कठघरे में खड़ा करने की कोशिश करते हैं.
लालू यादव बिहार के लोगों से अपील करते हैं, चोरों को हटाइए... बीजेपी को भगाइए... हमें जिताइए... चोरी करने वाली भारतीय जनता पार्टी को किसी भी कीमत पर आने नहीं देना है... सब लोग एक हो जाइए... राहुल गांधी, तेजस्वी यादव सब मिलकर सरकार को उखाड़कर फेंकिए... लोकतंत्र को मजबूत बनाइए.
और वही बात लालू यादव अपने चिर परिचित ठेठ अंदाज में भी समझाते हैं, 'लागल-लागल झुलनिया में धागा, बलम कलकत्ता चला.'
तेजस्वी यादव भी मुद्दे पर फोकस रहते हैं और कहते हैं, आपके वोट की चोरी नहीं हो रही, बल्कि डकैती डाली जा रही है... प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी बिहारियों को चूना लगाना चाहते हैं... ये बिहार है, यहां चूना खैनी के साथ रगड़ दिया जाता है... बिहारी भले ही गरीब हैं, लेकिन यहां का बच्चा-बच्चा तीखी मिर्ची वाला काम करते हैं... हम बेइमानी नहीं होने देंगे.
अगले दिन वोटर अधिकार यात्रा औरंगाबाद से आगे बढ़ती है. वहां के देव में प्राचीन सूर्य मंदिर में राहुल गांधी दर्शन पूजन के साथ जल चढ़ाकर परिक्रमा भी करते हैं, फिर तेजस्वी यादव और मुकेश सहनी के साथ आगे बढ़ते हैं. कहते हैं, 'हर अंधकार से लड़कर न्याय के सूर्योदय की ओर बढ़ते रहने की प्रेरणा मिली.'
चुनाव आयोग से दो-दो हाथ जारी है
राहुल गांधी और चुनाव आयोग में चल रहे दो-दो हाथ के बीच सूत्रों के हवाले से एक खबर ये भी आ रही है कि विपक्ष चुनाव आयोग के खिलाफ महाभियोग लाने की तैयारी कर रहा है. कांग्रेस सांसद सैयद नासिर हुसैन ने इस बारे में बताया है, पार्टी में अभी तक कोई विचार-विमर्श नहीं हुआ है, लेकिन जरूरत पड़ी तो कांग्रेस महाभियोग प्रस्ताव ला सकती है.
बिहार की वोटर अधिकार यात्रा को ध्यान में रखते हुए मुख्य चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार ने प्रेस कांफ्रेंस कर अपना जो पक्ष रखा, वो नियम कानून के हिसाब से तकनीकी कम और राजनीतिक ज्यादा लगा. ज्ञानेश कुमार ने राहुल गांधी का नाम तो नहीं लिया, लेकिन निशाने पर कांग्रेस नेता ही नजर आ रहे थे, चुनाव आयोग और मतदाता सूची को लेकर जो आरोप लगाए हैं, वो निराधार और झूठे हैं... अगर उनके पास अपने दावे का सबूत है, तो उन्हें सात दिन के भीतर हलफनामा देना होगा, नहीं तो पूरे देश से माफी मांगनी होगी.
चुनाव आयोग की प्रेस कांफ्रेंस पर कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने दावा किया कि राहुल गांधी की तरफ से उठाए गए किसी भी सवाल का सार्थक जवाब नहीं दिया गया है. और, राहुल गांधी ने भी चुनाव आयोग पर सोशल मीडिया के माध्यम से फिर से धावा बोल दिया, EC ने जिंदा लोगों को मरा हुआ घोषित कर दिया... EC ने उन लोगों को भी वोटर लिस्ट से हटा दिया जिन्होंने अभी लोकसभा चुनाव में वोट डाला था... EC ने एक बार फिर डिजिटल, मशीन-रीडेबल वोटर रोल देने से इनकार कर दिया... EC अब CCTV फुटेज न देने के लिए बहाने पर बहाना बना रहा है... पहले वोट चोरी दबे पांव, दुबक कर की... अब SIR के नाम पर खुलेआम की जा रही है.
वोटर यात्रा, न्याय यात्रा के मुकाबले कितना फायदेमंद?
राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा और उसके बाद हुई न्याय यात्रा में एक खास तरह का फर्क था. और, वैसा ही फर्क वोटर अधिकार यात्रा में भी देखा जा सकता है. भारत जोड़ो यात्रा के जरिये राहुल गांधी ने लोगों से जुड़ने की कोशिश की. ये वो दौर था जब कांग्रेस संगठन के साथ साथ राजस्थान जैसे कई मोर्चो पर जूझ रही थी.
न्याय यात्रा के जरिये राहुल गांधी ने लोगों से जुड़े कुछ मुद्दे उठाये, और न्याय दिलाने के वादे किये. किसानों, महिलाओं और युवाओं जैसे हर संभावित वोट बैंक को जोड़ने की कोशिश की, लेकिन विचारधारा पर राहुल गांधी के अड़ियल रवैया डैमेज करने वाला रहा. यूपी में अखिलेश यादव का साथ जरूर मिला, लेकिन नीतीश कुमार मौका देखते ही निकल लिये. वोटर अधिकार यात्रा विपक्ष को साथ लेकर चलने का एक भूल सुधार प्रयास लगता है. लेकिन, कब तक... और ये सफर कहां तक चलेगा - ये सवाल बना हुआ है.
फायदे के हिसाब से देखा जाये तो राहुल गांधी की न्याय यात्रा तो सफल ही मानी जाएगी. सफलता का पैमाना अलग हो तब तो बात अलग होगी. लेकिन रायबरेली के साथ अमेठी भी जीत लेना, और सांसदों का नंबर बढ़ जाना कोई मामूली बात तो है नहीं. अब तो प्रियंका गांधी भी वायनाड से लोकसभा पहुंच गईं, पूरा परिवार ही संसद में है - अब वोटर अधिकार यात्रा क्या गुल खिलाती है, देखना होगा, और उसके लिए इंतजार भी करना होगा.