केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान अपनी लोकसभा क्षेत्र की बुधनी विधानसभा में विकसित भारत संकल्प यात्रा निकाल रहे हैं. इस दौरान वे लोगों के बीच पहुंचकर केंद्र सरकार की योजनाओं की जानकारी दे रहे हैं और जनसंवाद कर रहे हैं. दो दिवसीय यात्रा के दौरान उन्होंने किसानों, युवाओं और महिलाओं सहित सभी वर्गों से संवाद किया. पदयात्रा के दूसरे दिन केंद्रीय मंत्री शिवराज सिंह चौहान आदिवासियों के बीच जमकर थिरके. लोगों ने शिवराज को अपने कंधों पर बैठा लिया.
युवाओं के साथ बातचीत में शिवराज ने कहा, ''अपने लिए तो सभी जीते हैं, कीट-पतंगे भी जीते हैं, पशु-पक्षी भी जीते हैं. केवल अपने लिए जिए तो क्या जिए, तू जी ऐ दिल जमाने के लिए...''
उन्होंने जल संरक्षण पर जोर देते हुए कहा, ''हमने बचपन में पढ़ा था, ‘रहिमन पानी राखिए, बिन पानी सब सून. पानी मिले न ऊबरै, मोती मानुष चून.' पानी के बिना जीवन संभव नहीं है, लेकिन पानी की चिंता नहीं की जा रही. बरसात का पानी आता है और बह जाता है. हम खेतों की सिंचाई के लिए धरती मां के पेट से पानी निकाल रहे हैं, लेकिन उसे वापस धरती में पहुंचाने की कोई व्यवस्था नहीं कर रहे. इसका परिणाम भयानक है.''
केंद्रीय मंत्री ने आगे कहा, ''किसान भाई जानते होंगे कि पहले पानी कितने फीट पर मिलता था और अब कितने फीट पर मिलता है. अगर यह स्थिति जारी रही, तो हजार, डेढ़ हजार, दो हजार फीट पर भी पानी नहीं मिलेगा. इसलिए आज जरूरी है कि हम पानी बचाने के बारे में सोचें. पानी बचाने के तीन-चार रास्ते हैं. पहला, पानी को व्यर्थ न जाने दें. पानी की एक-एक बूंद कीमती है, इसलिए इसे बचाएं.''
पदयात्रा के दूसरे दिन केंद्रीय मंत्री शिवराज सिंह चौहान आदिवासियों के बीच जमकर थिरके. इस दौरान उनकी पत्नी साधना सिंह भी महिलाओं के साथ नृत्य करती नजर आईं.
विकसित भारत संकल्प पदयात्रा के दौरान लोगों ने शिवराज को अपने कंधों पर बिठाया और आदिवासियों के साथ उनके नृत्य के वीडियो सोशल मीडिया पर जमकर वायरल हो रहे हैं.