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'सोचा नहीं था कि 40 साल की दोस्ती इस तरह खत्म होगी', फफक पड़े पहलगाम हमले में मारे गए सुशील नथानियल के दोस्त

सुशील नथानियल के घर के सामने केमिस्ट शॉप चलाने वाले मोहित और अन्य पड़ोसियों ने बताया कि उनका परिवार बेहद मिलनसार था और कभी किसी विवाद में नहीं पड़ा. मोहित ने बताया कि कश्मीर जाने से पहले सुशील मेरी दुकान पर आए थे और फर्स्ट ऐड किट लेकर गए थे.

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पहलगाम आतंकी हमले में इंदौर के सुशील नथानियल की मौत.
पहलगाम आतंकी हमले में इंदौर के सुशील नथानियल की मौत.

जम्मू-कश्मीर के पहलगाम आतंकी हमले में इंदौर के सुशील नथानियल की दर्दनाक मौत हो गई. हमले में उनकी बेटी आकांक्षा के पैर में गोली लगी और वह श्रीनगर के एक अस्पताल में इलाजरत हैं. सुशील अपनी पत्नी, बेटी और बेटे के साथ कश्मीर घूमने गए थे. हमले से एक दिन पहले की तस्वीरें सामने आई हैं, जिनमें पूरा परिवार खुशी के पल बिताता दिख रहा है. 

इंदौर के अभिनंदन नगर MR-10 निवासी सुशील नथानियल (58) अलीराजपुर में भारतीय जीवन बीमा निगम (LIC) के रीजनल मैनेजर के पद पर कार्यरत थे. उनकी पत्नी जेनिफर (54) इंदौर के खातीपुरा में सरकारी स्कूल में टीचर हैं. बेटी आकांक्षा (35) सूरत में बैंक ऑफ बड़ौदा की शाखा में मैनेजर हैं. बेटा आस्टन (25) कॉलेज छात्र है. सुशील का परिवार मूल रूप से जोबट (अलीराजपुर) का रहने वाला है, लेकिन करीब 30 साल पहले वे इंदौर शिफ्ट हो गए थे. उनका अंतिम संस्कार इंदौर में होगा.

'फर्स्ट ऐड किट लेकर गए थे सुशील'

सुशील के घर के सामने केमिस्ट शॉप चलाने वाले मोहित और अन्य पड़ोसियों ने बताया कि सुशील और उनका परिवार बेहद मिलनसार था और कभी किसी विवाद में नहीं पड़ा. मोहित ने कहा, ''कश्मीर जाने से पहले सुशील मेरी दुकान पर आए थे और फर्स्ट ऐड किट लेकर गए थे.'' 

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'फिटनेस और स्पोर्ट्स के थे शौकीन'

पड़ोसियों के अनुसार, सुशील इंदौर में रहते हुए रोज सुबह मोहल्ले में मॉर्निंग वॉक पर जरूर जाते थे. सुशील के 40 साल पुराने दोस्त अजय ने aajtak से बात करते हुए भावुक होकर कहा, ''सुशील बेहद नेकदिल इंसान थे, यारों के यार और हमेशा खुश रहते थे. वह फिटनेस और स्पोर्ट्स के शौकीन थे. सोचा नहीं था कि 40 साल की दोस्ती इस तरह खत्म होगी. मैं पूरी जिंदगी उनके परिवार के साथ खड़ा रहूंगा.''

धर्म पूछकर गोली मारी

हमले में आतंकियों ने पर्यटकों को घेरकर धर्म पूछा. सुशील ने ईसाई होने की बात कही, जिसके बाद उनकी पत्नी को एक तरफ हटाकर उन पर गोलियां बरसाई गईं. अस्पताल में बेटी आकांक्षा की गोली निकाल दी गई है और उसकी स्थिति स्थिर है. 

इंदौर कलेक्टर आशीष सिंह ने पुष्टि की कि इंदौर प्रशासन श्रीनगर के अधिकारियों के संपर्क में है और सुशील का शव इंदौर लाने की व्यवस्था की जा रही है. मुख्यमंत्री मोहन यादव ने घटना पर गहरा दुख व्यक्त किया है. 

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