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MP के सीहोर में बेनकाब हुआ रेत माफिया... खुलेआम चल रहा नर्मदा नदी में अवैध खनन का खेल, बड़ा खुलासा

मध्यप्रदेश की जीवनदायिनी कहे जाने वाली मां नर्मदा नदी अवैध खनन का सबसे बड़ा शिकार बनी हुई है. सरकार के लाख दावों के बावजूद मध्यप्रदेश में नर्मदा नदी से रेत का अवैध उत्खनन रुक नहीं रहा है.

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नर्मदा नदी से अवैध रेत तस्करी.(Photo:Screengrab)
नर्मदा नदी से अवैध रेत तस्करी.(Photo:Screengrab)

मध्य प्रदेश के सीहोर जिले में चल रहे अवैध उत्खनन के काले साम्राज्य का पर्दाफाश हुआ है. 'आजतक' की पड़ताल में सामने आया है कि मुख्यमंत्री मोहन यादव के सख्त निर्देशों के बावजूद जिला प्रशासन के कथित संरक्षण में नर्मदा नदी को दिन-दहाड़े छलनी किया जा रहा है.

नर्मदा नदी को मध्य प्रदेश की जीवनदायिनी कहा जाता है. वहीं नदी आज खनन माफियाओं के सिंडिकेट का सबसे बड़ा शिकार बनी हुई है. ग्राउंड जीरो से मिली तस्वीरें डराने वाली हैं. सरकार ने नर्मदा नदी में मशीनों के इस्तेमाल पर पूर्ण प्रतिबंध लगा रखा है, लेकिन सीहोर के घाटों पर भारी-भरकम जेसीबी (JCB) और पोकलेन मशीनें सरेआम रेत निकाल रही हैं.

गहरे पानी से रेत निकालने के लिए माफियाओं ने खास तरह की नावें तैयार कर रखी हैं, जो नदी के बीचों-बीच से रेत खींचकर किनारों पर डंप करती हैं. यह सारा खेल रात के अंधेरे में नहीं, बल्कि दिन के उजाले में प्रशासन की नाक के नीचे चल रहा है.

जांच में यह बात प्रमुखता से उभरी है कि बिना स्थानीय प्रशासन की मिलीभगत के इतना बड़ा अवैध कारोबार मुमकिन नहीं है. ऐसा प्रतीत होता है कि माफियाओं को नदी का सीना चीरने का 'खुला लाइसेंस' मिला हुआ है.

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मध्य प्रदेश दशकों से अवैध उत्खनन का दंश झेल रहा है, लेकिन सीहोर में यह सिंडिकेट अब और भी ज्यादा संगठित और बेखौफ हो गया है. सरकार और जिला प्रशासन के दावे केवल फाइलों तक सीमित हैं, जबकि धरातल पर नर्मदा के घाट माफियाओं के कब्जे में हैं.

मशीनों से निकाली गई रेत को तुरंत डंपरों में भरा जाता है और ऊंचे दामों पर बाजार में खपाया जाता है. इस पूरी प्रक्रिया में न तो कोई रॉयल्टी का हिसाब है और न ही पर्यावरण नियमों की परवाह की जाती है. देखें Video:- 

अब सवाल खनन माफियाओं के हाथों की कठपुतली बने जिला प्रशासन से है. जिला खनिज अधिकारी धर्मेन्द्र चौहान नर्मदा नदी का सीना चीनने का लाइसेंस खनन माफियाओं को क्यों मिला हुआ है? सीहोर जिले के कलेक्टर बाला गुरु जीवनदायिनी नर्मदा नदी के दोषियों पर जिला प्रशासन आंखे बंद कर क्यों बैठे हैं? सीहोर जिले के एसपी दीपक कुमार शुक्ला खनन माफियाओं के दिलों में कानून और पुलिस का खौफ क्यों नहीं है?

जिला प्रशासन की अंधेरगर्दी पर कड़ी और बड़ी कारवाई जरूरी है, क्योंकि वक्त रहते कारवाही नहीं हुई तो नर्मदा नदी का अस्तित्व खतरे में पड़ सकता है. अब देखना यही है कि सूबे के मुख्यमंत्री खनन माफियाओं का सिंडिकेट कैसे तोड़ते हैं, क्योंकि खनन मंत्रालय उनके अधीन है.

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