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MP: 'देवदूत' बनी पुलिस, जिस युवक को मरा हुआ मान चुके थे लोग उसे CPR देकर बचाई जान

मध्य प्रदेश में तालाब में डूबे एक शख्स के लिए पुलिस 'देवदूत' बनकर पहुंची और उसकी जान बचा ली. समय पर सीपीआर देने की वजह से युवक के दिल की धड़कन बंद नहीं हुई और उसके प्राण लौट आए. अब अस्पताल में इलाज के दौरान युवक की हालत पहले से बेहतर है. गांव के लोगों ने उसे मृत मान लिया था.

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CPR देकर पुलिस ने बचाई जान (तस्वीर - Meta AI)
CPR देकर पुलिस ने बचाई जान (तस्वीर - Meta AI)

मध्य प्रदेश के कटनी जिले में पुलिस एक युवक के लिए 'देवदूत' बनकर आई और समय पर उसे सीपीआर देकर उसकी जान बचा ली. दरअसल तालाब में डूबे शख्स को पानी से निकालने के बाद पुलिसकर्मियों ने देखा कि वो अचेत पड़ा है और उसकी सांसें भी बहुत धीरे चल रही हैं. इसके बाद पुलिस ने सीपीआर देकर उसकी जान बचाई और युवक को तत्काल अस्पताल पहुंचाया.

अब इलाज के बाद युवक की हालत में सुधार है. यह घटना कटनी जिले के ढीमरखेड़ा थाना क्षेत्र के झिन्ना पिपरिया गांव की है. जानकारी के मुताबिक दोपहर 3 बजे डायल 100 के माध्यम से पुलिस को सूचना मिली थी की एक युवक तालाब में डूब गया है.

सूचना पर डायल 100 की टीम थाना प्रभारी सहित मौके पर पहुंची. घटनास्थल पर पहुंचकर ग्रामीणों की मदद से उस व्यक्ति को तालाब से बाहर निकाला गया. लोग उसे मरा हुआ मान चुके थे.

ढीमरखेड़ा थाना प्रभारी मोहम्मद शाहिद ने बताया कि उसकी नब्ज चेक की गई तो वो बहुत धीमी हो चुकी थी. इसके बाद तत्काल उसे गाड़ी में लेकर हम अस्पताल के लिए रवाना हुए. 

थाना प्रभारी ने सीपीआर देकर बचाई जान

इस दौरान जीवित होने की संभावना पर मैंने गाड़ी में युवक के प्राणों की रक्षा के लिए उसे सीपीआर दिया. उन्होंने कहा, 'सीपीआर देते ही युवक की सांस चलने लगी और युवक के शरीर में हलचल होने लगी और वह सांस लेने लगा.'  इसके बाद अस्पताल में डॉक्टरों द्वारा इलाज के बाद युवक की हालत पहले से बेहतर है.

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पुलिस

मरा हुआ मान चुके थे गांव और परिवार के लोग

तालाब में डूबने वाले युवक की पहचान भूरा पटेल के बेटे सोनू पटेल (उम्र-30 साल) के रूप में की गई है. वो किसी काम से घर से निकला था लेकिन गांव के पास बने डियागढ़ तालाब में लोगों को डूबा हुआ मिला. उसके परिजन भी उसे मृत मानकर मातम मानने लगे थे लेकिन थाना प्रभारी मोहम्मद शाहिद की वजह से उनके बेटे की जान बच गई.

क्या होता है सीपीआर

सीपीआर (कार्डियोपल्मोनरी रिससिटेशन) एक प्राथमिक उपचार तकनीक है. यह इंसानों में कार्डियक अरेस्ट के दौरान जान बचाने में मदद करता है. कार्डियक अरेस्ट इंसानों में तब होता है, जब उसका दिल धड़कना बंद कर देता है. कई बार देखा गया है कि लगातार सीपीआर देने से दिल की धड़कन वापस लौट आती है.


 

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इनपुट - अमर ताम्रकर
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