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'नाम पूछकर घुटने टेकने को मजबूर किया, फिर कहा- कलमा पढ़...', LIC अफसर के रिश्तेदार बोले- सख्त एक्शन ले सरकार

Pahalgam attack: परिजनों ने बताया कि आतंकवादियों ने नाम पूछा और सुशील को घुटने टेकने के लिए मजबूर किया और फिर कलमा पढ़ने को कहा. जब सुशील ने कहा कि वह ईसाई हैं और कलमा नहीं पढ़ सकते, तो आतंकवादियों ने उन्हें गोली मार दी. 

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पहलगाम आतंकी हमले में मारे गए  सुशील नथानियल के रिश्तेदार.
पहलगाम आतंकी हमले में मारे गए सुशील नथानियल के रिश्तेदार.

जम्मू कश्मीर के पहलगाम में इंदौर के सुशील नथानियल (58) से 'कलमा' पढ़ने को कहा और गोली मार दी. उनके रिश्तेदारों ने दावा किया कि ईसाई समुदाय से होने के चलते सुशील कलमा नहीं पढ़ पाए तो आतंकियों ने उनकी हत्या कर दी. परिजनों ने हमलावरों के लिए कड़ी से कड़ी सजा की मांग की है. 

सुशील नथानियल ईस्टर मनाने के लिए अपनी पत्नी जेनिफर (54), बेटी आकांक्षा (35), और बेटे ऑस्टिन उर्फ गोल्डी (25) के साथ जम्मू-कश्मीर गए थे. रिश्तेदारों ने कहा कि परिवार का एक साथ खुशी-खुशी त्योहार मनाने का सफर त्रासदी में बदल गया और इससे ज्यादा दुखद कुछ नहीं हो सकता.

नथानियल मध्य प्रदेश के अलीराजपुर में भारतीय जीवन बीमा निगम (LIC) में रीजनल मैनेजर के पद पर तैनात थे. वह पहलगाम में हुए आतंकी हमले में मारे गए 26 लोगों में शामिल थे.

उनके भाई संजय कुमरावत ने बताया, ''हमने सुशील की पत्नी और बेटे से फोन पर बात की. उन्होंने बताया कि आतंकवादियों ने सुशील का नाम पूछा, उन्हें घुटने टेकने के लिए मजबूर किया, और फिर कलमा पढ़ने को कहा. जब सुशील ने कहा कि वह ईसाई हैं और कलमा नहीं पढ़ सकते, तो आतंकवादियों ने उन्हें गोली मार दी. 

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कुमरावत ने कहा कि जब नथानियल की बेटी आकांक्षा अपने पिता पर गोलियां चलते देख डर गई और उनकी ओर दौड़ी, तो आतंकवादियों ने उसके पैर में गोली मार दी. उन्होंने बताया कि आकांक्षा का जम्मू-कश्मीर में इलाज चल रहा है.

परिजनों ने मांग की, “कश्मीर में कायरतापूर्ण हमला कर 26 निर्दोष लोगों की जान लेने वाले आतंकवादियों के खिलाफ सख्त से सख्त कार्रवाई हो, ताकि यह पूरी दुनिया के लिए मिसाल बने.”  

नथानियल की चचेरी बहन इंदु डावर ने भी दावा किया कि घटनास्थल पर मौजूद परिवार के सदस्यों के अनुसार, आतंकवादियों ने सुशील से उनकी धार्मिक पहचान पूछी और फिर गोली मार दी. उन्होंने कहा, “सुशील अपने परिवार के साथ कश्मीर गए थे. हम न्याय चाहते हैं और हत्यारों को कड़ी से कड़ी सजा मिलनी चाहिए.”

डावर ने बताया कि हमले के दौरान आकांक्षा के पैर में गोली लगी, और उनका जम्मू-कश्मीर में इलाज चल रहा है. उन्होंने कहा कि नथानियल की पत्नी जेनिफर और बेटा ऑस्टिन उर्फ गोल्डी हमले में बच गए, लेकिन गहरे सदमे में हैं.

नथानियल की एक अन्य रिश्तेदार जेम्मा विकास ने कहा कि आतंकी हमले में मारे गए एलआईसी अधिकारी ईस्टर के अवसर पर परिवार के साथ कश्मीर गए थे. उन्होंने कहा, “त्योहार मनाने गए पर्यटकों की खुशी मातम में बदल गई. इससे ज्यादा दुखद कुछ नहीं है. हम चाहते हैं कि सरकार आतंकवादियों को तुरंत खोजकर सजा दे.”

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इंदौर कलेक्टर आशीष सिंह ने नथानियल के रिश्तेदारों से मुलाकात की और उन्हें राज्य सरकार की ओर से हर संभव सहायता का आश्वासन दिया.

उन्होंने कहा, “मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव लगातार नथानियल के परिवार की स्थिति की जानकारी ले रहे हैं. राज्य सरकार जम्मू-कश्मीर प्रशासन के साथ संपर्क में है.”

सिंह ने बताया कि नथानियल का शव हवाई मार्ग से श्रीनगर से इंदौर लाया जाएगा, और उनकी घायल बेटी का पूरा इलाज सुनिश्चित किया जाएगा.

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