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MP: गिनीज बुक में दर्ज होगा हाथिनी वत्सला का नाम, सबसे उम्रदराज होने का दावा

एमपी के पन्ना टाइगर रिजर्व की सबसे उम्रदराज हथिनी वत्सला की कार्बन डेटिंग होगी. वन विभाग उसकी उम्र का पता लगाकर उसका नाम गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में दर्ज कराएगा. इसके लिए उसके दाढ़ के सैंपल हैदराबाद की लैब में भेजे गए हैं.

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हाथिनी
हाथिनी

मध्य प्रदेश के पन्ना टाइगर रिजर्व की सबसे उम्रदराज हथिनी वत्सला की कार्बन डेटिंग होगी. वन विभाग ने हथिनी के दाढ़ के सैंपल हैदराबाद भेजे दिए हैं. वत्सला को विश्व की सबसे उम्रदराज हथिनी माना जा रहा. अगर, हथिनी की उम्र 86 साल से ऊपर होगी तो उसका नाम गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में दर्ज होगा.

जानकारी के मुताबिक, पन्ना टाइगर रिजर्व वन विभाग सबसे उम्रदराज हथिनी वत्सला की उम्र का पता लगाने के लिए उसके अंग की कार्बन डेटिंग कराएगा. इस कारण टाइगर रिजर्व प्रबंधन ने हथिनी के दाढ़ का सैंपल हैदराबाद की लैब में भेजा दिया है.

उन्होंने दावा किया है कि हाथियों की दादी कहे जाने वाली उम्रदराज वत्सला देश की पहली ऐसी जीवित वन्य प्राणी है, जिसकी उम्र कार्बन डेटिंग से पता लगाई जाएगी. पार्क प्रबंधन इस हथिनी को एशिया महादीप ही नहीं बल्कि विश्व की सबसे ओल्ड एज हथिनी मान कर चल रहा है. उनके मुताबिक इसकी उम्र सौ साल से भी कहीं अधिक है. मगर, इसकी असली उम्र का पता किसी को भी नहीं है और ना ही वन विभाग के पास इसका कोई रिकॉर्ड है.

पीटीआर की दादी के नाम मशहूर है वत्सला

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हथिनी वत्सला पन्ना टाइगर रिजर्व की पहचान है. वह देश-विदेश के सैलानियों के लिए आकर्षण का केंद्र है. हालांकि हाथिनी ने कभी बच्चे को जन्म नहीं दिया है. मगर, वह हथिनियों के बच्चों को अपने पास जरूर रखती है और उनके साथ समय भी बिताती है. इस कारण उसे पन्ना टाइगर रिजर्व (पीटीआर) की दादी के नाम भी दिया गया है. 

पहले भी की गई थी उम्र पता लगाने की कोशिश

हाथिनी की उम्र का पता लगाने के लिए साल 2007 में पन्ना टाइगर रिजर्व के तत्कालीन क्षेत्र संचालक शहवाज अहमद की पहल से वत्सला के जन्म रिकॉर्ड देखने के लिए नीलांबुर (केरल)फारेस्ट डिवीजन को पत्र लिखा गया था. इसके बाद अगस्त 2018 में जब वह पन्ना दौरे पर आए थे. तब भी पत्र लिखा था. मगर, उनके रिटायर होने के बाद किसी ने इस ओर ध्यान नहीं दिया. अब पार्क प्रबंधन ने एक बार फिर इस दिशा में पहल शुरू की है. 

दो बार मौत का मात दे चुकी है हथिनी- डॉक्टर

वन्य प्राणी चिकित्सक डॉ. संजीव गुप्ता ने बताया कि वत्सला हाथिनी की आंखों में मोतियाबिंद हो गया है. इस कारण उसे कम दिखाई देता है. उसका पाचन तंत्र भी कमजोर हो गया है. वह दो बार मौत को चकमा दे चुकी है. एक बार मतवाला रामबहादुर हाथी ने वत्सला को कई दिनों तक परेशान किया. उसके साथ नैसर्गिक निषेचन का भी असफल प्रयास किया था. अंत में उसने ने हथिनी के पेट में लंबे दंत घोप दिए थे. इसके बाद उपचार के बाद वह ठीक हो पाई. उसकी सूंड इतनी लंबी हो गयी है कि अब जमीन में घिसट रही है. वह खाना भी बहुत कम खा पा रही है. 

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स्पेशल केस मानकर वत्सला की कार्बन डेटिंग- डायरेक्टर

फील्ड डायरेक्टर बृजेंद्र झा ने बताया कि सामान्य तौर वन्य प्राणियों की उम्र पता लगाने की जरूरत नहीं पड़ती है. वत्सला को स्पेशल केस मानकर उसकी कार्बन डेटिंग कराई जा रही है. गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में दर्ज सबसे अधिक उम्र का जीवित हाथी लिनवांग ताइवान 86 वर्ष का था. उसकी 26 फरवरी 2008 को मौत हुई थी. इस लिहाज से वत्सला को दुनिया की सबसे अधिक उम्र की जीवित हथिनी के रूप में देखा जा रहा है.

(दिलीप शर्मा)


 

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