scorecardresearch
 

मछली परिवार के साम्राज्य का 'आखिरी किला' ध्वस्त... 100 करोड़ की प्रॉपर्टी के बाद अब 22 करोड़ की कोठी नेस्तनाबूद

MP की राजधानी भोपाल में कुछ दिन पहले ही मछली परिवार की 100 करोड़ रुपए से ज्यादा के संपत्ति को जमींदोज किया गया था. अब इसी परिवार की 22 करोड़ी कोठी पर बुलडोजर चलाया गया. 6000 वर्ग फुट के प्लॉट पर यह कोठी ड्रग्स की तस्करी और अन्य अपराधों में शामिल आरोपी परिवार ने बनाई थी.

Advertisement
X
मछली परिवार की तीन मंजिला कोठी ध्वस्त.
मछली परिवार की तीन मंजिला कोठी ध्वस्त.

MP News: भोपाल में अवैध रूप से बनी मछली परिवार की 22 करोड़ रुपए मूल्य की तीन मंजिला कोठी को ध्वस्त कर दिया गया. करीब 23 दिन पहले ही मछली परिवार की 100 करोड़ रुपए से ज्यादा के संपत्ति को जमींदोज  किया गया था. भोपाल के कोकता हथाईखेड़ा में 6000 वर्ग फुट के प्लॉट यह कोठी ड्रग्स की तस्करी और अन्य अपराधों में शामिल आरोपी परिवार ने बनाई थी. मछली परिवार का नाम लंबे समय से राजधानी भोपाल के अपराध जगत में सक्रिय रहा है. आनंदपुर कोकता इलाके में मछली परिवार का दबदबा इतना गहरा था कि इसे उनका 'साम्राज्य' कहा जाता था. 

हुजूर के सब डिविजनल मजिस्ट्रेट (SDM) विनोद सोलकिया ने बताया, "यह पूरी इमारत सरकारी जमीन पर थी और आरोपी का इस पर कोई कानूनी मालिकाना हक नहीं था. मामला तहसीलदार के संज्ञान में आने के बाद तुरंत कार्रवाई की गई. जमीन और ढांचे का अनुमानित बाजार मूल्य लगभग 20-22 करोड़ रुपए है."

एक पुलिस अधिकारी ने बताया, "मछली परिवार मादक पदार्थों की तस्करी, ब्लैकमेल और अन्य आपराधिक गतिविधियों में शामिल है. यह परिवार भोपाल के एक कॉलेज की छात्राओं के अश्लील वीडियो वायरल करने से भी जुड़ा है. परिवार के खिलाफ दर्ज मामलों में मादक पदार्थ रखने, यौन शोषण और जबरन वसूली से जुड़े मामले शामिल हैं."

उन्होंने बताया कि हाल ही में, शाहवर मछली और उसके भतीजे यासीन को क्राइम ब्रांच ने गिरफ्तार किया था, जब तलाशी के दौरान 3 ग्राम मेफेड्रोन और एक देसी पिस्तौल बरामद हुई थी.

Advertisement

पुलिस उप-विभागीय अधिकारी मंजू चौहान ने बताया, "इमारत सरकारी जमीन पर थी, इसलिए उसे गिराया गया. यह कार्रवाई जिला प्रशासन, नगर निगम और पुलिस ने मिलकर की. कानून-व्यवस्था बनाए रखने के लिए पर्याप्त सुरक्षा व्यवस्था की गई थी."

प्रशासन के अधिकारियों ने बताया कि तोड़फोड़ से पहले परिवार को एक नोटिस दिया गया था, जिसमें उन्हें परिसर खाली करने का समय दिया गया था. हालांकि, परिवार के वकील गोपेश शिखवाल ने दावा किया कि अधिकारियों ने उचित प्रक्रिया का पालन नहीं किया.

वकील शिखवाल ने कहा, "नियमों के अनुसार, 15 दिन का नोटिस जारी किया जाना चाहिए. इसके बजाय, वे चुपचाप नोटिस छोड़कर चले गए. आज की कार्रवाई दिशानिर्देशों का उल्लंघन करती है, और हम अवमानना ​​का मामला उच्च न्यायालय में दायर करेंगे."

---- समाप्त ----
Live TV

Advertisement
Advertisement