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'मशहूर हस्तियों से विज्ञापन न कराएं ऑनलाइन गेमिंग एप्स', विधायक ने CM शिवराज को लिखा पत्र

मध्य प्रदेश के कटनी विधायक संजय पाठक ने CM शिवराज सिंह चौहान को पत्र लिखा है. इसमें ऑनलाइन गेमिंग ऐप के विज्ञापनों में मशहूर हस्तियों के प्रदर्शन पर बैन लगाने की मांग की गई है.

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शिवराज सिंह चौहान (फाइल फोटो)
शिवराज सिंह चौहान (फाइल फोटो)

मध्य प्रदेश के कटनी विधायक और पूर्व मंत्री संजय पाठक ने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को पत्र लिखकर ऑनलाइन गेमिंग ऐप के विज्ञापनों में मशहूर हस्तियों के प्रदर्शन पर प्रतिबंध लगाने की मांग की है. संजय पाठक ने लिखा है कि जब जानी मानी हस्तियां इन गेमिंग ऐप्स का प्रमोशन करती हैं तो लोगों पर उनका प्रभाव पड़ता है और वो इसके प्रति आकर्षित होते हैं.

मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहाम को भेजे पत्र में पूर्व मंत्री संजय सत्येंद्र पाठक ने लिखा है कि ‘विगत कुछ समय से देखने में आ रहा है कि विभिन्न मोबाइल ऐप गेम्स को प्रमोट करने के लिए मशहूर व्यक्ति, फिल्मी एवं खेल जगत की हस्तियां विज्ञापनों द्वारा मोबाइल गेम्स को खेलकर पैसे जीतने के लिए जनता को आकर्षित करती है जो कि ठीक नहीं है. 

मशहूर हस्तियों के विज्ञापन में आने पर लगे रोक

मोबाइल ऐप गेमों को खेलने के लिए प्रोत्साहित करने वाले मशहूर लोग, फिल्मी और खेल जगत की हस्तियां होती हैं जिनका आम लोगों पर अच्छा प्रभाव होता है और इन विज्ञापनों में उन्हें देखकर जनता ऐसे ऐप के जरिए जुआ, सट्टा, ऑनलाइन बैटिंग के लिए प्रोत्साहित होती है और अपना कीमती समय और मेहनत से कमाई हुआ पैसा नष्ट कर देती है.

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कर्ज लेकर ऑनलाइन गेमिंग का शिकार होते हैं लोग

संजय पाठक ने लिखा, देखने में आया है कि कभी-कभी लोग कर्ज के कारण आत्महत्या जैसा कदम भी उठा लेते हैं. सरकार को इस ओर न्यायसंगत और कठोर कदम उठाने चाहिए. जनहित में मोबाइल ऐप गेमों के प्रमोशनल विज्ञापनों में प्रसिद्ध व्यक्ति, फिल्मी एवं खोल जगत की हस्तियों के आने पर बैन लगाया जाना चाहिए.

शिवराज सरकार ने ऑनलाइन गेमिंग के खिलाफ बनाई टास्क फोर्स

आपको बता दें कि पिछले साल दिसंबर में ही मध्य प्रदेश में ऑनलाइन गेमिंग की रोकथाम और ऑनलाइन गेमिंग पर नियंत्रण के लिए शिवराज सरकार ने टास्क फोर्स का गठन किया है. अपर मुख्य सचिव गृह राजेश राजौरा को टास्क फोर्स का अध्यक्ष बनाया गया है. इस टास्क फोर्स में कुल 7 सदस्य हैं. टास्क फोर्स विभिन्न न्यायिक दृष्टांतों, वैधानिक स्थितियों और तकनीकी पहलुओं का परीक्षण कर राज्य सरकार को अनुशंसा करेगी.

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