MP News: छिंदवाड़ा में 22 बच्चों की मौत से पूरे देश में सनसनी फैल गई है. इस मामले में श्रीसेन फार्मा के मालिक रंगनाथन गोविंदन को एसआईटी ने चेन्नई से ट्रांजिट रिमांड पर लाकर कोर्ट में पेश किया. भारी सुरक्षा के बीच जब रंगनाथन को कोर्ट ले जाया गया, बाहर मौजूद भीड़ ने देखकर 'फांसी दो' के नारे लगाने शुरू कर दिए. इस दौरान कोर्ट में रंगनाथन का चश्मा गिर गया.
आज सुबह एसआईटी ने श्रीसन फार्मा के डायरेक्टर रंगनाथन गोविंदन को भारी सुरक्षा के बीच परासिया के एडीजे कोर्ट में पेश किया. आरोपी 10 दिन की पुलिस रिमांड पर है. एडीजे शैलेन्द्र उइके ने मामले की सुनवाई की. आरोपी रंगनाथन ने खुद को निर्दोष बताया. उसने कोर्ट में कहा कि हमारी दवाइयां तीन प्रदेशों में सप्लाई होती हैं. मैं बीमार हूं, मुझे राहत दी जाए. कोर्ट ने पूछा कि आपको वकील चाहिए क्या तो आरोपी ने कहा कि मैं चेन्नई से अपना वकील लाऊंगा.

आज सुबह एसआईटी आरोपी को चेन्नई से बंगलौर से नागपुर तक प्लेन से लाई थी. इसके बाद सुबह सड़क मार्ग से परासिया थाने लेकर पहुंची. काफी देर तक थाने में आरोपी से पूछताछ की गई. पीड़ित परिवार ने मामले को लेकर शिकायत की. पांच घंटे बाद पुलिस आरोपी को कोर्ट लेकर पहुंची. आरोपी को कोर्ट में पेश करते समय उसका चश्मा गिर गया. वहां लोगों ने फांसी दो फांसी दो के नारे लगाए.
मृत बच्चों की त्रासदी और जांच की गंभीरता
मध्य प्रदेश में ‘कोल्ड्रिफ’ कफ सिरप के कारण अब तक 22 बच्चों की मौत हो चुकी है. अधिकारियों का कहना है कि इन बच्चों की मौत संदिग्ध तौर पर किडनी फेल्योर से हुई, जिसका संबंध विषाक्त कफ सिरप से है. कुछ बच्चे पड़ोसी राज्य महाराष्ट्र के नागपुर में इलाज करा रहे हैं.
यह भी पढ़ें: सुप्रीम कोर्ट ने खारिज की कफ सिरप से बच्चों की मौत पर जनहित याचिका, नहीं की कोई टिप्पणी
एसआईटी प्रमुख जितेंद्र जाट ने कहा था कि रंगनाथन को गुरुवार को हिरासत में लिया गया था और उसके बाद उसे ट्रांजिट रिमांड पर परासिया लाया गया. अदालत ने आरोपी को 10 दिन की पुलिस रिमांड पर भेज दिया. छिंदवाड़ा प्रशासन ने कहा कि जिस फैक्ट्री में यह कफ सिरप बनता था, उसे तुरंत सील कर दिया गया. साथ ही राज्य सरकार ने सुरक्षा और जांच को और कड़ा कर दिया.

सरकारी कार्रवाई और निलंबन
अधिकारियों ने कहा कि राज्य सरकार ने इस घटना के बाद दो ड्रग इंस्पेक्टर और खाद्य एवं औषधि प्रशासन (FDA) के उप निदेशक को निलंबित कर दिया है. इसके अलावा, राज्य के ड्रग कंट्रोलर का तबादला कर दिया गया. डॉ. प्रवीण सोनी, जिन पर लापरवाही के आरोप हैं, को पुलिस ने अरेस्ट किया. डॉक्टर की जमानत याचिका बुधवार को परासिया कोर्ट ने खारिज कर दी. डॉक्टर की गिरफ्तारी के विरोध में इंडियन मेडिकल एसोसिएशन ने काली पट्टियां बांधकर विरोध जताया.
रंगनाथन को कोर्ट में पेश करते समय भारी पुलिस बल तैनात किया गया था. वहीं कोर्ट के बाहर भीड़ ने आरोपी के खिलाफ नाराजगी जताई. वहीं पीड़ित परिवार ने कहा कि आरोपी को कड़ी सजा मिले. बच्चों की मौत ने पूरे समाज को हिलाकर रख दिया है. स्थानीय लोग और सोशल मीडिया पर लोग आरोपी के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग कर रहे हैं. अदालत ने रंगनाथन को 10 दिन की पुलिस हिरासत में भेजते हुए आगे की जांच के लिए एसआईटी को निर्देश दिए हैं.