बकरीद से ठीक पहले मध्य प्रदेश के IAS अफसर नियाज खान के पशु कुर्बानी को लेकर दिए गए बयान ने विवाद खड़ा कर दिया है. ऑल इंडिया मुस्लिम त्योहार कमेटी ने नियाज खान के बयान पर कड़ा एतराज जताते हुए उनसे अफसरी छोड़कर बीजेपी में शामिल होने की सलाह दी है. संगठन ने उनकी टिप्पणी को इस्लाम को बदनाम करने वाला बताया और कहा कि मुस्लिम समुदाय इसे बर्दाश्त नहीं करेगा.
कमेटी के संरक्षक शम्सुल हसन ने कहा, ''हमें अफसोस है कि बकरीद जैसे त्योहार से ठीक पहले नियाज खान इस तरह के बयान दे रहे हैं. इस्लाम को बदनाम करने वाले बयान नाकाबिले बर्दाश्त हैं. मुस्लिम समुदाय इसे सहन नहीं करेगा. बीजेपी की सरकार है, इसलिए यहां के अधिकारी बीजेपी का दामन पकड़े हुए हैं. नियाज खान को बीजेपी के टिकट पर चुनाव लड़ना चाहिए.''
शम्सुल हसन ने आगे कहा, ''अगर नियाज खान को कुरान के बारे में जानकारी है, तो उन्हें शर्म से डूब मरना चाहिए. अगर जानकारी नहीं है, तो मैं उन्हें कुरान भेंट करूंगा. कुर्बानी का इस्लाम में अपना महत्व है और यह कयामत तक जारी रहेगी, इसे कोई नहीं रोक सकता. कुरान में स्पष्ट लिखा है कि किस जानवर की कुर्बानी देनी है. हम उसी का पालन करते हैं. हम घोड़े, हाथी या शेर की कुर्बानी थोड़े करते हैं.''
बता दें कि नियाज खान ने अपने सोशल मीडिया पोस्ट में लिखा था कि पशुओं का खून बहाना कहीं से उचित नहीं है और पेड़-पौधों, जीव-जंतुओं की रक्षा जरूरी है. इस बयान ने मुस्लिम समुदाय के एक वर्ग में नाराजगी पैदा कर दी है.
यह पहली बार नहीं है जब नियाज खान का कोई बयान विवाद का कारण बना हो. इससे पहले भी उनके सोशल मीडिया पोस्ट्स पर विवाद हो चुके हैं.
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फिलहाल, इस मामले ने बकरीद से पहले मध्य प्रदेश में तनाव की स्थिति पैदा कर दी है और मुस्लिम संगठनों की ओर से उनकी टिप्पणी की कड़ी निंदा की जा रही है.