मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में सोमवार दोपहर को बड़ा हादसा होते-होते बचा. यहां मंडीदीप से ईंटखेड़ी के बीच भोपाल बाइपास का करीब 100 मीटर लंबा हिस्सा धंस गया, जिससे सड़क पर बड़ा गड्ढा हो गया. गनीमत यह रही कि यह घटना तब हुई जब ट्रैफिक का दबाव कम था, जिससे कोई जनहानि नहीं हुई.
दरअसल, यह सोमवार दोपहर को सुखीसेवनिया इलाके में बिलखिरिया से ईंटखेड़ी की ओर जाने वाली सड़क पर कल्याणपुर रेलवे ब्रिज से ठीक पहले सड़क का हिस्सा धंस गया. यह बाइपास रोड नर्मदापुरम (पूर्व में होशंगाबाद), रायसेन और सागर जैसे शहरों से इंदौर जाने के लिए कनेक्टिविटी प्रदान करती है.
गनीमत यह रही कि वाहनों की आवाजाही कम होने के कारण सड़क धंसने के दौरान कोई बड़ा हादसा नहीं हुआ.
NHAI ने जारी किया बयान
शुरुआत में सड़क धंसने के बाद यह दावा किया जा रहा था कि सड़क भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण यानी NHAI की है, लेकिन NHAI ने तुरंत एक बयान जारी कर स्पष्ट कर दिया कि यह मार्ग उनके अधिकार क्षेत्र में नहीं आता है. यह सड़क मध्यप्रदेश रोड डेवलपमेंट कॉरपोरेशन (MPRDC) के तहत आती है.
MPRDC के MD ने दिए जांच के निर्देश
सड़क का हिस्सा धंसने के मामले में MPRDC ने त्वरित कार्रवाई की है. MD भरत यादव ने तत्काल प्रभाव से तीन सदस्यीय जांच कमेटी गठित करने के निर्देश दिए हैं.
बताया गया कि भोपाल ईस्टर्न बाइपास पर स्थित सूखी सेवनिया आरओबी (रेलवे ओवर ब्रिज) के एक तरफ की आर-ई वॉल क्षतिग्रस्त होने के कारण सड़क का हिस्सा धंसा. किसी भी अप्रिय घटना से बचने के लिए पूरे क्षतिग्रस्त क्षेत्र को बैरिकेड कर दिया गया है और मरम्मत का कार्य शुरू किया गया है।
MPRDC अधिकारियों के अनुसार, यह सड़क 2013 में हैदराबाद की मेसर्स ट्रॉन्सट्राय प्रा. लि. द्वारा बीओटी (BOT) मॉडल के तहत बनाई गई थी. अनुबंध की शर्तों का पालन न करने के कारण कंपनी का अनुबंध वर्ष 2020 में ही निरस्त कर दिया गया था.
अब MD ने चीफ इंजीनियर बीएस मीणा, जीएम मनोज गुप्ता और जीएम आरएस चंदेल का तीन सदस्यीय जांच दल गठित किया है. यह दल आर-ई वॉल के धंसने के कारणों की तकनीकी जांच कर अपनी रिपोर्ट शासन को सौंपेगा.
MD भरत यादव ने साफ कर दिया कि अगर जांच रिपोर्ट में किसी प्रकार की लापरवाही या अनियमितता पाई जाती है, तो संबंधित जिम्मेदार व्यक्ति के विरुद्ध कड़ी अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाएगी.