मंजर भोपाली ने यों तो यह गीत बहुत पहले लिखा था, पर यह गंगा स्वच्छता अभियान में मुसलमानों की भागीदारी को बुलावा देते हुए उन्होंने यह कविता साहित्य आजतक के मंच पर भी पढ़ी थी. तुम भी पियो हम भी पीयें, रब की मेहरबानी, प्यार के कटोरे में गंगा का पानी....सुनिए मंजर भोपाली की आवाज में ही उनका यह गीत
Manzar Bhopali ka Ganga swachchhata abhiyan per geet, Tum bhi piyo hum bhi peeyen rab ki meharbani, Pyar ke katore men Ganga ka pani