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खूबसूरत ये मोहब्बत में सजा दी उसने, फिर गले मिलके मेरे उम्र बढ़ा दी उसनेः मंज़र भोपाली

खूबसूरत ये मोहब्बत में सजा दी उसने, फिर गले मिलके मेरे उम्र बढ़ा दी उसनेः मंज़र भोपाली

खूबसूरत ये मोहब्बत में सजा दी उसने, फिर गले मिलके मेरे उम्र बढ़ा दी उसने, बेवफा कौन है मैं पूछ रहा था उससे, वो हंसा फिर मेरी तस्वीर दिखा दी उसने.... मंज़र भोपाली ने साहित्य आजतक के मंच पर यह तराना छेड़ा था. हम एक बार फिर उसे आपके लिए लेकर आए हैं. तो सुनिए मंज़र भोपाली की शानदार शायरी 

Khoobsurat ye mohabbat me saja dee usane, fir gale mil ke mere umra badha di usane, Manzar Bhopali's great shayari at Sahitya Aajtak

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