उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में दो दिनों के लिए साहित्य आजतक का मंच सजा हुआ है. इस कार्यक्रम में शिरकत करने राजस्थान के तिजारा से बीजेपी विधायक बाबा बालकनाथ भी पहुंचे. उन्होंने अपनी चुनावी जीत पर चर्चा की और राम मंदिर के प्राण प्रतिष्ठा को लेकर चल रहे कुछ अहम सवालों के जवाब भी दिए. असदुद्दीन ओवैसी के सवालों और दावों पर भी उन्होंने टिप्पणी की. एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि किसी प्रॉपर्टी पर अवैध कब्जे को हटाकर उसे सही हकदार को देना ही न्याय कहलाता है.
साहित्य आजतक में बाबा बालकनाथ ने एक महंत के रूप में राम मंदिर के प्राण प्रतिष्ठा पर बात की. उन्होंने बताया कि वह भावुक हैं इस पल के लिए कि रामलला वहां विराजमान होने वाले हैं. हमार पूर्वजों ने लंबा सघर्ष किया और आज वो दुनिया में नहीं है लेकिन आज हमें यह पल देखने को मिल रहा है.
बाबा बालकनाथ पर आक्रामक हिंदुत्व की राजनीति करने के आरोप लगते हैं. उन्होंने चुनाव के दौरान तिजारा विधानसभा की चुनावी लड़ाई को भारत-पाकिस्तान का मैच बताया था. उन्होंने कहा कि उनका भाव सेवा का है. संत का धर्म ही सभी के सेवा भाव का होता है. राम मंदिर के प्राण प्रतिष्ठा के संबंध में एक सवाल के जवाब में उन्होंने बताया कि जो राम को नहीं मानते हैं वो ही सवाल उठा रहे हैं.
गर्भगृह बन चुका है, तो हो सकती प्राण प्रतिष्ठा- बालकनाथ
बाबा बालकनाथ ने बताया कि बीजेपी का गठन ही राम मंदिर बनाने को लेकर हुआ है. जो लोग ये बातें करते हैं कि बीजेपी चुनाव को देखकर कर रही है वो तो खुद भी कर सकते थे. उनके पास भी अवसर था. अगर वे भी इस देश की परंपराओं को मानते तो वे भी कर सकते थे और श्रेय ले सकते थे. शंकराचार्यों के अर्ध निर्मित मंदिर में प्राण प्रतिष्ठा के सवाल पर उन्होंने बताया कि अगर गर्भगृह का निर्माण हो चुका है तो उसमें प्राण प्रतिष्ठा की जा सकती है.
असदुद्दीन ओवैसी के दावों पर क्या बोले बाबा बालकनाथ?
असदुद्दीन ओवैसी के कथित विरोधों पर बाबा बालकनाथ ने कहा कि उन्हें ज्यादा बोलने की जरूरत नहीं है. वो अगर अपना ही डीएनए चेक कराएंगे तो आज से दो हजार साल पहले सब राम के ही तो भक्त थे. आक्रमणकारियों ने आक्रमण किया और कब्जा करके अपने भवन बनाए. आज भी ऐसे विवाद होते हैं और कब्जे से छुड़ाकर उसके सही हकदार को दिलाया जाता है तो वो न्याय कहलाता है. इस देश के कानून ने न्याय दिया है और प्रधानमंत्री के नेतृत्व में भगवान राम वहां विरामजमान होने जा रहे हैं.
राम मंदिर के प्राण प्रतिष्ठा वाले दिन कुछ विपक्षी दलों के नेताओं ने अपने निजी कार्यक्रम का ऐलान किया है और इस दिन मंदिर दर्शन को जा रहे हैं. इस संबंध में एक सवाल के जवाब में बाबा बालकनाथ ने बताया कि हम चाहते हैं कि आप मंदिर जाइए और पूजा पाठ करिए. यही हमारा उद्देश्य है और हम उन्हें सिखा रहे हैं कि मंदिर जाना है और पूजा-पाठ में लगे रहना है. हम यही तो चाहते हैं कि भगवान का, राम नाम का गुनगान हो और सबका कल्याण हो.
'भगवान राम के नाम पर होगा दुनिया का कल्याण'
बाबा बालकनाथ ने कहा कि इस कार्यक्रम को चुनाव के नजरिए से नहीं देख सकते. यह पांच सौ सालों का संघर्ष है और आज भारत की जनता को प्रधानमंत्री ने जोड़कर यात्राएं निकाली और देश की जनता ने शक्ति दी, जिससे प्रधानमंत्री यह सब कर पाए हैं. हमारा देखने का एक ही भाव है कि 22 जनवरी को रामराज्य की स्थापना हो रही है. लंबे वनवास के बाद भगवान राम पधार रहे हैं. आने वाले समय में पूरी दुनिया भारत के पीछे चलेगी. भगवान राम के नाम पर ही दुनिया का कल्याण होगा.
साहित्य आजतक के सवाल पर कि रामराज्य में बुल्डोजर को भी जोड़ा जाना चाहिए, बाबा बालकनाथ ने कहा कि उस बुल्डोजर के माध्यम से अवैध चीज, अवैध कब्जे को, अवैध रूप से बनाए गए भवन को मिट्टी में मिलाने का काम किया गया था ना कि किसी वैध व्यक्ति को नुकसान पहुंचाया गया. बीजेपी विधायक ने कहा कि बुल्डोजर का काम एक तरफ सफाई तो दूसरी तरफ विकास की नींव खोदना है. एक सवाल के जवाब में कि अल्पसंख्यकों को डराया जा रहा है तो फिर रामराज्य कैसे? तो उन्होंने जवाब दिया कि ऐसा नहीं है बल्कि मुस्लिम माताओं-बहनों ने भी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृ्त्व में भरोसा जताया है.