इस टीएनएजर की आपबीती पढ़कर आप दुख और क्षोभ से भर जाएंगे, लेकिन आज उसकी हिम्मत की बदौलत ही कंबोडिया के कुछ हिस्सों में सेक्स व्यापार के धंधे का कच्चा-चिट्ठा खुल गया है और लोग इस बारे में बात कर रहे हैं.
ब्रिटिश वेबसाइट डेलीमेल में छपी खबर के मुताबिक, 17 साल की इस लड़की का नाम है दारा कियो. बचपन में उसके जुआरी पिता परिवार पर भारी कर्ज छोड़ गए थे. इसे चुकाने का कोई साधन कियो की मां के पास नहीं था. मजबूर होकर उन्होंने 12 साल की कियो की वर्जिनिटी एक 'अमीर और शक्तिशाली' शख्स को बेच दी.
'कर्जदार मारने-पीटने की धमकी देते थे. मैं उन दिनों रोजाना सिर्फ एक डॉलर कमाती थी. कर्ज की चिंता और डर ने मुझे बीमार बना दिया. आखिरकार मैंने हार मान ली.' कियो की मां रोताना अब 62 साल की हो गई हैं. यह कहते हुए उनकी आंखों में आंसू आ जाते हैं.
उस पीड़ा का कोई अंत नहीं!
जो हुआ उसे बयान करना मुश्किल है. लेकिन ज्यादा डरावनी बात यह है कि कंबोडिया में यह बिल्कुल भी असामान्य नहीं है. यहां की पुरानी ताओइस्ट संस्कृति में यह माना जाता है कि ज्यादा से ज्यादा वर्जिन कन्याओं से संबंध बनाने से उम्र लंबी होती है.

बीयर गार्डन, अगस्त 2013 की तस्वीर, जहां लड़कियां इस तरह लुभाती हैं 'मर्दों' को
कियो को पहले एक भ्रष्ट डॉक्टर के पास ले जाया गया जिसने उसकी मेडिकल जांच करके सुनिश्चित किया कि वह 'वर्जिन' ही है. कियो बताती है, 'इसके बाद मुझे उस शख्स के पास ले जाया गया जिसने मुझे खरीदा था. मुझे उसके साथ एक हफ्ते तक रहना था. इस दौरान उसने मेरे साथ कई बार असुरक्षित संबंध बनाए.'
हैरानी की बात यह है कि जिस शख्स ने कियो की वर्जिनिटी खरीदी वह कंबोडिया का एक प्रमुख राजनेता है. कियो और उसकी मां ने उसका नाम बताने से इनकार कर दिया. उसने कियो को एक हफ्ते तक होटल में रखा. इस दौरान वह दिन में दो या तीन बार उसके पास आया करता था. कियो याद करती है, 'वह बहुत जबरदस्ती करता था. सब कुछ बहुत दर्दनाक था.'
वह कष्टकारी हफ्ता खत्म होने के बाद आंसुओं और जख्मों के साथ कियो को घर छोड़ दिया गया. चलने और पेशाब करने में उसे दो हफ्ते तक दर्द होता रहा.
कहानियां और भी हैं
कियो की कहानी आपको परेशान कर सकती है, लेकिन वह उन हजारों कंबोडियाई लड़कियों में से है जिनकी वर्जिनिटी हर साल नीलाम कर दी जाती है. इन्हें खरीदने वालों में ज्यादातर ताकतवर नेता, पुलिस वाले और संभ्रांत-अमीर लोग होते हैं. वर्जनिटी के बदले लड़की के परिवार को 1500 डॉलर यानी करीब 90 हजार रुपये दिए जाते हैं, जो औसतन उनकी चार साल की कमाई के बराबर है.

एक एनजीओ सिखा रहा है इन्हें सिलाई और दूसरे काम
41 साल के वैनिथ उइ उस बीयर गार्डन में बतौर कुक कई साल से काम कर रही हैं, जहां टीनएजर लड़कियां कम कपड़ों में 'मर्दों' को अपनी वर्जिनटी खरीदने के लिए आकर्षित करती हैं. पैसे की जरूरत में, वैनिथ ने भी अपनी 18 साल की बेटी चामनन सोक की वर्जिनिटी बेच दी. वैनिथ बीयर गार्डन में अब तक ऐसे कम से कम 50 मामले देख चुकी हैं. ये लड़कियां असहनीय वेदना सहती हैं, पर कभी अपनी मां से इसकी शिकायत नहीं करतीं.
कंबोडिया में बाल अधिकार हाशिए पर
कियो को अपने साथ जो हुआ उसका दुख जरूर है. लेकिन मां के प्रति वह उसका प्यार और वफादारी कभी कम नहीं हुई. बच्चों के अधिकारों के लिए काम करने वाली संस्था कंबोडियन सेंटर फॉर द प्रोटेक्शन ऑफ चिल्ड्रेन राइट्स की एग्जीक्यूटिव डायरेक्टर न्गेट थाई कहती हैं, 'शायद इसकी वजह यह हो कि कंबोडियाई संस्कृति में बच्चे अपने मां-बाप के हितों से खुद को बहुत ज्यादा जुड़ा हुआ महसूस करते हैं.'
उनके मुताबिक, 'कंबोडियाई बच्चों में अपने पेरेंट्स को लौटाने का एक सहज भाव होता है. बच्चों के अधिकारों की भावना यहां बहुत कमजोर है.' हालांकि कुछ एनजीओ इस दिशा में काम कर रहे हैं.
21 साल की रतलाना चे की मदद ऐसे ही एक एनजीओ ने की. 15 साल की उम्र में उसकी मां उसकी वर्जिनिटी बेचना चाहती थीं, लेकिन वह भाग निकली. वह बताती है, 'रिवरकिड्स (एनजीओ) ने मेरे परिवार को मेरी वर्जिनिटी न बेचने के बदले खाने के लिए अनाज दिया. एनजीओ ने मुझे कपड़े सिलना सीखने में भी मदद की.' तमाम कोशिशों के बावजूद गरीबी और भ्रष्टाचार की चोट खाए देश में इस घिनौने व्यापार में कई ताकतवर लोग शामिल हैं. ऐसे में इसे जड़ से उखाड़ फेंकना बहुत मुश्किल हो गया है.